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हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म फोरम प्रदेश को क्वारंटाइन डेस्टिनेशन बनाने पर सहमत नहीं

ऑल हिमाचल एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म फोरम सीएम जयराम ठाकुर के उस बात से सहमत नहीं है जिसमे उन्होंने प्रदेश को क्वारंनटाइन डेस्टिनेशन बनाने पर विचार की बात की थी.

Tourism and Hospitality Association not with the suggestion of the government on making quarantine destinatio
सीएम ने कहा था किया जा रहा विचार

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Published : May 29, 2020, 10:08 PM IST

शिमला:कोविड- 19 के संकट की वजह से प्रदेश में पर्यटन करोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. जिस समर सीजन में प्रदेश में पर्यटकों की आमद सबसे ज्यादा रहती थी . इसकी वजह से प्रदेश की आर्थिकी को भी भारी नुकसान पहुंचा. ऐसे में इस संकट के बीच में प्रदेश में आर्थिकी को सुधारा जा सके, इसके लिए प्रदेश को क्वारंटाइन डेस्टिनेशन बनाने का सुझाव भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिया. उनका यह सुझाव पर्यटन कारोबार से जुड़े व्यापारियों को समझ नहीं आ रहा. वह सरकार के इस सुझाव से सहमत नहीं हैं. इस सुझाव को गलत फैसला बता रहे हैं.

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नहीं आएगा कोई
आल हिमाचल एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म फोरम के संयोजक मोहिंद्र सेठ ने बताया कि प्रदेश को अगर क्वारंटाइन डेस्टिनेशन बनाया जाता है, तो इससे हिमाचल में पर्यटन को पूरी तरह से सरकार खत्म कर देगी. हालात सामान्य भी होंगे तो भी पर्यटक यहां आने में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे. ऐसे में मुख्यमंत्री का यह सुझाव प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के बजाए पूरी तरह से खत्म कर देगा. उन्होंने कहा की इसका बेहद ही नकारात्मक असर प्रदेश में पर्यटन पर देखने को मिलेगा. अभी भी प्रदेश में जो लोग बाहर से लाए जा रहे हैं. उसके चलते ही कोरोना के मामले 4 से 200 से अधिक हो गए है. ऐसे में अगर बाहर के लोगों को यहां क्वारंटाइन करने की सुविधा दी जाती है , तो फिर क्या होगा कहा नहीं जा सकता.

फैसले से ज्यादा होगा नुकसान
क्वारंटाइन के लिए टूरिज्म के पर्पज के लिए इस्तेमाल करेंगे वह तर्क संगत बात नहीं. एसोसिएशन का मानना है अगर सरकार ऐसा फैसला लेती है ,तो इससे जितना नुकसान कोरोना के इस संकट के बीच मे पर्यटन इंडस्ट्री को नहीं हुआ जितना इस फैसले से होगा. अभी प्रदेश में पर्यटन को वापस पटरी पर आने के लिए 1 साल से अधिक का समय लगेगा. इस समय के बीच प्रदेश को के लिए टूरिज्म के पर्पज के लिए इस्तेमाल करेंगे वह तर्क संगत बात नहीं.एसोसिएशन का मानना है अगर सरकार ऐसा फैसला लेती है ,तो इससे जितना नुकसान कोरोना के इस संकट के डेस्टिनेशन बनाने के अलावा सरकार को इस बात पर विचार करना चाहिए, कि किस तरह से पर्यटन को दोबारा से प्रदेश में बढ़ावा दिया जा सके. जिससे कि पर्यटक ज्यादा समय के लिए यहां के पर्यटन स्थलों पर रुके. अभी इस दिशा में काम करना बेहद जरूरी है. जब होटलों से सारा स्टाफ जा चुका है, तो ऐसे में दोबारा से किस तरह से पूरी व्यवस्था को बनाया जाए .इस तरह की योजना यहां आने वाले पर्यटकों के लिए बनाने की आवश्यकता है.

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