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पर्यटकों के लिए सशर्त नियमों के साथ खुले हिमाचल के द्वार, मंदिरों के लिए SOP का इंतजार - पर्यटकों के लिए गाइडलाइंस

हिमाचल में जो सैलानी आना चाहते हैं अब उन्हें नहीं रोका जाएगा. सरकार की ओर से प्रदेश की सीमाएं पर्यटकों के लिए खोल दी हैं. अब एक बार फिर से प्रदेश में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां शुरू होंगी. जो कोविड कि वजह से पूरी तरह से बंद पड़ी थी. इन गतिविधियों को दोबारा से शुरु करने के लिए ही सरकार ने पर्यटकों को प्रदेश में आने की अनुमति प्रदान कर दी है.

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Published : Jul 3, 2020, 10:35 PM IST

शिमला: हिमाचल में जो सैलानी आना चाहते है अब उन्हें नहीं रोका जाएगा.सरकार की ओर से प्रदेश की सीमाएं पर्यटकों के लिए खोल दी हैं.

अब एक बार फिर से प्रदेश में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां शुरू होंगी. जो कोविड कि वजह से पूरी तरह से बंद पड़ी थी. इन गतिविधियों को दोबारा से शुरु करने के लिए ही सरकार ने पर्यटकों को प्रदेश में आने की अनुमति प्रदान कर दी है.

गाइडलाइंस भी प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के तय कर दी गई है. जिनका पालन करना प्रदेश में घूमने के लिए आने वाले सैलानियों को करना आवश्यक होगा. राज्य आपदा प्रबंधन सेल की ओर से पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं.

प्रशासन की ओर से जो नियम तय किए गए हैं, उसके तहत जिन सैलानियों की कोरोना की रिपोर्ट नेगिटिव है, सिर्फ उन्हें ही प्रवेश प्रदेश में दिया जाएगा.

पंजीकृत लैब से 72 घंटे पहले करवाना होगा कोरोना टेस्ट

इससे स्पष्ट है कि जो सैलानी प्रदेश में आना चाहते हैं, उन्हें पहले अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा. तय नियमों में स्पष्ट किया गया है. पंजीकृत लैब से 72 घंटे पहले कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए.

उन्हीं लोगों को हिमाचल प्रदेश में एंट्री दी जाएगी और उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन होने की आवश्यकता नहीं होगी. वहीं, होटलों में पांच दिन की बुकिंग पर सैलानियों को रखा जाएगा.

होटलों में कम से कम पांच दिन की करवानी होगी बुकिंग

हिमाचल प्रदेश में आने के चाह रखने वाले सैलानियों को ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी. होटलों में कम से कम पांच दिन की बुकिंग पर्यटकों को करवानी होगी.

प्रदेश में आने के लिए प्रदेश सरकार की ई-कोविड पास वेबसाइट पर 48 घंटे पहले पंजीकरण भी करवाना होगा. वहींं, होटलों में भी एडवांस बुकिंग करवा सकेंगे.

क्या होटल कारोबारी बदलेंगे अपना फैसला ?

हिमाचल प्रदेश में सरकार की ओर से सैलानियों को आने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन अभी तक निजी होटल मालिकों की ओर से अपने होटल नहीं खोले गए हैं. उन्होंने सितंबर माह तक होटल ना खोलने का फैसला किया था.

ऐसे में देखना यह होगा कि अब जब सरकार की ओर से प्रदेश में सैलानियों को आने की अनुमति दे दी गई है, तो होटल व्यवसाई अपना फैसला बदलते हैं या नहीं.

होटल कारोबारी ने दिया अपना तर्क

उनका कहना यही है कि प्रदेश में समर सीजन जा चुका है और ऐसे में पर्यटक ही जब नहीं होंगें. तो होटल खोलने का उन्हें कोई लाभ नहीं होगा.

वहीं, कोरोना के मामले भी जुलाई और अगस्त माह में ज्यादा आएंगे. जिसे देखते हुए होटल मालिकों में अपने होटल खोलने को लेकर इंकार किया है.

मंदिरों को खोलने की भी तैयारी कर री है सरकार

सरकार की ओर से प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने के साथ ही मंदिरों को खोलने को लेकर भी फैसला लिया गया है. इसके साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि एसओपी जारी होने के बाद सिनेमा हॉल, खेल परिसर, बार, ऑर्डिटोरियम, थिएटर, स्विमिंग पूल सहित समाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के लिए भी अनुमति दी जा सकती है.

60 फीसदी कैपेसिटी के साथ ही खुलेंगें रेस्तरां और ढ़ाबे

सरकार की ओर से तय किया गया है कि प्रदेश में रेस्तरां और ढाबे 60 फीसदी कपेसिटी के साथ ही खोले जाएंगे. अभी भी यह नियम ढाबे और रेस्तरां वालों पर लागू किया गया है.

धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर एसओपी का इंतजार

सरकार की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइंस में प्रदेश में धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है, लेकिन इसके लिए भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की एसओपी का इंतजार है.

भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग मंदिरों को खोलने को लेकर एस ओ पी जारी करेगा और इस एसओपी के आधार पर ही मंदिरों को खोलने को लेकर तैयारी की जाएगी. जिसके बाद प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों को खोल दिया जाएगा, जिनके द्वार कोविड-19 की वजह से महीनों से बंद पड़े हैं.

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