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धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड-19 का अधिक खतरा, प्राथमिक रूप से फेफड़े होते हैं प्रभावित - Smokers are more at risk for covid-19

धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड-19 का खतरा अधिक होता है. कोरोना बीमारी प्राथमिक रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है. इसके अलावा धूम्रपान फेफड़ों की कार्य क्षमता को कम करता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. विभिन्न रोगों से लड़ने में शरीर सक्षम नहीं होता. धूम्रपान, ई-सिगरेट, धुंआ रहित तंबाकू, पान मसाला और इसी तरह के अन्य उत्पादों का उपयोग फेफड़ों के संक्रमण के खतरे को बढ़ाता हैं. धूम्रपान करने वालों द्वारा हाथ और मुंह को बार-बार छूने से कोविड-19 की संभावना भी बढ़ जाती है.

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Published : May 31, 2021, 10:47 PM IST

शिमला: विशेषज्ञों के अनुसार धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड-19 का खतरा अधिक होता है. कोरोना बीमारी प्राथमिक रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है. इसके अलावा धूम्रपान फेफड़ों की कार्य क्षमता को कम करता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. विभिन्न रोगों से लड़ने में शरीर सक्षम नहीं होता. धूम्रपान, ई-सिगरेट, धुंआ रहित तंबाकू, पान मसाला और इसी तरह के अन्य उत्पादों का उपयोग फेफड़ों के संक्रमण के खतरे को बढ़ाता हैं. धूम्रपान करने वालों द्वारा हाथ और मुंह को बार-बार छूने से कोविड-19 की संभावना भी बढ़ जाती है.

कोविड-19 संक्रमण फैलने का बढ़ता है खतरा

तंबाकू का सेवन करने वाले लोग तंबाकू को थूकते हैं जिससे कोविड-19, तपेदिक, स्वाइन फ्लू और एन्सेफलाइटिस आदि का खतरा बना रहता है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन न करने का आग्रह किया है. तंबाकू के सेवन से हृदय रोग, कैंसर, फेफड़ों की गंभीर बीमारी और मधुमेह का खतरा बना रहता है. ऐसी बीमारियों के रोगियों की हालत कोविड-19 से संक्रमित होने पर गंभीर हो जाती है.

12 लाख 80 हजार लोग हर साल गवां रहे जान

स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-इंडिया के अनुसार भारत में 27 करोड़ से अधिक लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. विश्व में भारत तंबाकू उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता और उपभोक्ता है. देश में तंबाकू के सेवन से होने वाली मृत्यु की अनुमानित संख्या 12,80,000 प्रति वर्ष है. प्रतिदिन लगभग 3,500 लोगों की मृत्यु तंबाकू के सेवन के कारण होती है.

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