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गणतंत्र की मजबूती में देवभूमि की आहूति, भारत के नक्शे पर चमक रहे पहाड़ के सितारे - हिमाचल में अटल टनल

हिमाचल और के लोग हर क्षेत्र में आगे हैं. चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीतिक या फिर खेलों का क्षेत्र हो. हिमाचल और यहां के लोगों ने हमेशा ही अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इस खबर में आपकों बताएंगे की गणतंत्र की मजबूती में देवभूमि की कैसे अपनी आहूति दी है ? भारत के नक्शे पर हिमाचल जैसे छोटे पाहड़ी राज्य के सितारे चमक रहे हैं...

गणतंत्र की मजबूती में देवभूमि की आहूति
गणतंत्र की मजबूती में देवभूमि की आहूति

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Published : Jan 25, 2023, 10:52 PM IST

शिमला: दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में 26 जनवरी का दिन महापर्व सरीखा है. कारण ये कि स्वतंत्रता के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ. आजादी के बाद से देश ने सफलता की सीढ़ियां चढ़ी. इसी महान और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत देश का छोटा पहाड़ी राज्य है हिमाचल. इस पहाड़ी राज्य ने गणतंत्र की मजबूती में अपनी महत्वपूर्ण आहूतियां दी हैं. पहाड़ी राज्य के अनेक सितारे भारत देश के नक्शे पर चमक रहे हैं. बात चाहे टैलेंट की हो या फिर उपलब्धियों की, हिमाचल ने सभी को चमत्कृत किया है. आइए, देश में गणतंत्र की मजबूती में योगदान देने वाले हिमाचल की उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं.

पहाड़ी शौर्य की अनमोल गाथाएं: हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है, लेकिन यहां के वीर सपूतों ने देश की सेना में शौर्य और बलिदान की चमकदार गाथा लिखी है. हिमाचल के हिस्से 1160 से अधिक गैलेंटरी अवार्ड आए हैं. इनमें चार परमवीर चक्र, दस महावीर चक्र, 18 कीर्ति चक्र, 51 वीर चक्र और 89 शौर्य चक्र शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश में 1.28 लाख के करीब पूर्व सैनिक हैं. इसके अलावा सेना व अर्धसैनिक बलों में हिमाचल से 90 हजार से अधिक जवान देश की सेवा कर रहे हैं. अकेले देश की सेना में 55 हजार से अधिक अफसर व सैनिक भारत मां की सेवा कर रहे हैं. करगिल युद्ध में हिमाचल के कैप्टन विक्रम बत्रा ने सर्वोच्च बलिदान दिया था. उन्हें परमवीर चक्र (बलिदान उपरांत) दिया गया. साथ ही सूबेदार मेजर संजय कुमार को भी सर्वोच्च शौर्य सम्मान परमवीर चक्र मिला था.

हिमाचल के वीर सपूत.

सेहत बांटता हिमाचल: हिमाचल के सोलन जिले के बीबीएन यानी बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में सालाना 45 हजार करोड़ रुपए की दवाएं बनती हैं. कोरोना काल में बीबीएन ने अहम भूमिका निभाई. अब हिमाचल में बल्क ड्रग पार्क बनेगा और इससे राज्य की गिनती दुनिया के फार्मा सेक्टर के टॉपर में होगी.

सेहत बांटता हिमाचल.

भारत का एप्पल बाउल हिमाचल: हिमाचल प्रदेश को भारत का एप्पल बाउल कहा जाता है. यहां सालाना तीन से पांच करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. यहां 55 से अधिक विदेशी किस्मों के सेब भी सफलता से उगाए जा रहे हैं. प्रति हैक्टेयर सेब उत्पादन का विश्व रिकार्ड भी हिमाचल के बागवान संजीव चौहान के नाम है. सेब के कारण ही हिमाचल के दो गांव लंबे समय तक एशिया के सबसे अमीर गांव रहे हैं. अस्सी के दशक में ऊपरी शिमला का क्यारी गांव और हाल ही में ऊपरी शिमला का ही मड़ावग गांव एशिया के सबसे अमीर गांवों में शामिल रहे हैं.

भारत का एप्पल बाउल हिमाचल.

देश को रोशन करता हिमाचल: हिमाचल प्रदेश के पास 27 हजार मैगावाट उर्जा दोहन की क्षमता है. हिमाचल प्रदेश देश के कई राज्यों को रोशनी देता है. उर्जा राज्य से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिमी बंगाल तक को बिजली मिलती है. अब हिमाचल देश का पहला ग्रीन एनर्जी स्टेट बनने की राह पर है.

देश को रोशन करता हिमाचल.

इंजीनियरिंग का अजूबा अटल टनल: हिमाचल में अटल टनल का निर्माण हुआ है. इस कारण शेष विश्व से छह महीने कटी रहने वाली लाहौल घाटी सारा साल देश से जुड़ी रहेगी. अटल टनल ने हिमाचल के पर्यटन को नई पहचान भी दी है. यहां रिकार्ड संख्या में सैलानी आते हैं.

इंजीनियरिंग का अजूबा अटल टनल.

जटोली महादेव का अनूठा मंदिर: हिमाचल के सोलन में एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है. जटोली महादेव के नाम से विख्यात ये मंदिर अपनी अनूठी निर्माण शैली के लिए विख्यात है. इसके अलावा कांगड़ा के बैजनाथ में अद्भुत शिव मंदिर हैं. मंडी शिव नगरी कहलाती है. मंडी में पंचवक्त्र महादेव सहित अनेक पुरातन शिव मंदिर हैं.

जटोली महादेव का अनूठा मंदिर.

हरा सोना, खरा सोना: हिमाचल का फॉरेस्ट कवर देश के लिए उदाहरण है. यहां ग्रीन फैलिंग यानी हरी टहनी और हरा पेड़ काटने पर पाबंदी है. हिमाचल का फॉरेस्ट कवर 33 फीसदी करने का लक्ष्य है. वातावरण में कार्बन को कम करके ऑक्सीजन बढ़ाने वाला हिमाचल प्रदेश एशिया का पहला राज्य है. इसके अलावा कार्बन क्रेडिट हासिल करने वाला हिमाचल एशिया का पहला राज्य है.

हरा सोना, खरा सोना.

ग्रीन ट्रांस्पोर्ट का लीडर:इलेक्ट्रिक बसें चलाने वाला हिमाचल देश का पहला पहाड़ी राज्य हैं. यहां सरकारी सेक्टर में इलेक्ट्रिक टैक्सियां भी चल रही हैं.

ग्रीन ट्रांस्पोर्ट का लीडर.

समाज की चिंता: सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिहाज से हिमाचल का काम देश में शानदार है. हिमाचल में 6 लाख से अधिक पात्र लोगों को अलग अलग पेंशन मिलती है. हिमाचल प्रदेश 65 से 69 साल की बुजुर्ग महिलाओं को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य बना था. अब यहां पेंशन की आयु सीमा 60 साल हो गई है.

समाज की चिंता.

धूम्रपान मुक्त राज्य हिमाचल:हिमाचल प्रदेश करीब एक दशक पहले ही देश का पहला धूम्रपान मुक्त राज्य बन चुका है. इसके तय मापदंड हिमाचल ने हासिल किए हैं. शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और देश की पहला स्मोक फ्री हिल्स सिटी भी शिमला ही है.

धूम्रपान मुक्त राज्य हिमाचल.

सेहत के रखवाले: विशाल भारत देश की सेहत संभाल रहे टॉप मोस्ट हैल्थ इंस्टीट्यूट्स की कमान हिमाचल के डॉक्टर्स के पास है. फिर चाहे ये स्वास्थ्य संस्थान सरकारी सेक्टर के हों या निजी क्षेत्र के, हर जगह हिमाचल के टैलेंट की धूम मची है. विश्व विख्यात डॉक्टर्स की श्रेणी में एम्स के निदेशक रहे डॉ. रणदीप गुलेरिया पल्मोनरी मेडिसिन के माने हुए विशेषज्ञ हैं. किडनी ट्रांसप्लांट में दुनिया के चर्चित नाम डॉ. संदीप गुलेरिया के अलावा डॉ. जगतराम दुनिया के बड़े आई सर्जन हैं. प्रतिष्ठित सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन भी हिमाचल के डॉक्टर डीएस राणा हैं. नेफरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. डीएस राणा पदमश्री से अलंकृत हैं और क्लीवलैंड क्लीनिक ओहियो अमेरिका के इंटरनेशन स्कॉलर हैं.

सेहत के रखवाले.

करनाल के कल्पना चावला मेडिकल इंस्टीट्यूट के निदेशक भी हिमाचल के डॉक्टर प्रोफेसर सुरेंद्र कश्यप रहे हैं. वे अब अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी हैं. फोर्टिस अस्पताल मोहाली के कार्डियोवस्कुलर सर्जरी के एग्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर डॉ. टीएस महंत भी हिमाचल के मंडी जिला के हैं. कार्डियक वस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर एमेजिंग में डीएम की डिग्री हासिल कर पीजीआई चंडीगढ़ में सेवाएं दे रहे युवा डॉ. अरुण शर्मा ये डिग्री हासिल करने वाले भारत के पहले डॉक्टर हैं. वहीं, एम्स में ही न्यूनेटल पीडियाट्रिक्स में डीएम यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन की डिग्री कर रहे डॉ. सुरजीत भारद्वाज भी हिमाचल से हैं.

भारत के नक्शे पर चमक रहे पहाड़ के सितारे.

हैल्थ साइंस रिसर्च में देश के सबसे बड़े सम्मान डॉ. बीआर अंबेदकर सेंटेनरी अवार्ड हासिल कर चुके डॉ. विनोद पाल नीती आयोग में सेवाएं दे रहे हैं. कोरोना संकट से निपटने में उनके योगदान से सभी परिचित हैं. पूरी दुनिया को रैबीज से रोकथाम का सबसे सस्ता प्रोटोकॉल देने वाले पदमश्री डॉ. ओमेश भारती भी हिमाचल से हैं. प्रशासनिक अफसरों में देखें तो कार्मिक मंत्रालय के सचिव पद का जिम्मा हिमाचल कैडर के आईएएस अफसर अजय मित्तल के पास रहा है. इसके अलावा सेबी के चेयरमैन पर भी हिमाचल कैडर के आईएएस अफसर अजय त्यागी रहे हैं. हिमाचल कैडर की आईएएस अफसर उपमा चौधरी लाल बहादुर शास्त्री आईएएस अकादमी देहरादून की निदेशक रही हैं. इस तरह भारत महान के गणतंत्र को मजबूत करने में हिमाचल का योगदान महत्वपूर्ण रहा है.

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