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सदन में जमकर बहसबाजी, आशा कुमारी बोलीं- डिप्टी स्पीकर मेरे बेटे समान, बाहर जाकर खींचूंगी कान - HIMACHAL PRADESH VIDHANSABHA BUDGET SESSION

हिमाचल में बजट सत्र पर तीसरे दिन भी सदन का माहौल गरम रहा. संसदीय कार्य मंत्री व कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सुखविंद्र सिंह सुक्खू व आशा कुमारी के बीच भी जमकर शब्दों के बाण चले. विक्रमादित्य व डिप्टी स्पीकर हंसराज के बीच तीखी बहसबाजी हुई. करीब 15 मिनट तक सदन में नारेबाजी होती रही. इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर आकर सदन के बाहर नारेबाजी की.

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सदन में विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज और विक्रमादित्‍य में गहमागहमी,

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Published : Mar 2, 2021, 8:21 PM IST

शिमलाःराज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण के बाद उनके साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला लगातार हंगामाखेज होता जा रहा है. कांग्रेस के सदस्य इस मामले पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. इसी बीच, सत्र के तीसरे दिन भई गतिरोध जारी रहा. सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर वार किए. सदन की वरिष्ठ सदस्य और कांग्रेस नेत्री आशा कुमारी ने तो माहौल को हल्का-फुल्का करते हुए एक बार तो यहां तक कहा कि डिप्टी स्पीकर हंसराज उनके बेटे के समान हैं और वे सदन से बाहर उनके कान खींचेंगी.

डिप्टी स्पीकर मेरे बेटे समान, बाहर जाकर खींचूंगी कानः आशा कुमारी

आशा कुमारी ने मजाक के लहजे में कहा कि हंसराज उनके बेटे समान हैं और वे हाउस के बाहर जाकर उनके कान खींचेंगी. उन्होंने विधि मंत्री सुरेश भारद्वाज को भी पढ़े-लिखे मामाजी कहकर संबोधित किया और कहा कि घटना वाले दिन वे क्या कर रहे थे. सदन में और भी कई मौके ऐसे आए, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर जमकर बरसे. जैसे ही सत्र शुरू हुआ कांग्रेस के सीनियर सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत अपने पांच सदस्यों के निलंबन का मामला उठाया. इतने पर ही शोर-शराबा शुरू हो गया. एक-दूसरे पर शब्दबाण चलाए जाने लगे.

सत्यवादी हरिश्चंद्र के वंशज हैं आप दोनों!

सदन में आशा कुमारी ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि वो झूठ बोल रहा है. इसी बीच, संसदीय कार्य मंत्री व कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सुखविंद्र सिंह सुक्खू व आशा कुमारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है आप दो ही सत्यवादी हरिश्चंद्र के वंशज हैं. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि केवल वही सच बोल रहे हैं, बाकी तो तो जैसे सब झूठ कहते हैं. इस पर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने चेतावनी भरे लहजे से कहा कि ऐसा ही रहा तो विपक्ष सदन को चलने नहीं देगा.

सदन में दिखे मुख्यमंत्री के तल्ख तेवर

गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी तीखे तेवर दिखाते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया. सीएम जयराम ने कांग्रेस विधायकों पर बड़ा आरोप लगाया कि विपक्ष ने राज्यपाल को घेरने की पहले से ही योजना बना रखी थी. विपक्षी सदस्यों का प्रयास था कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को सरकारी गाड़ी से बाहर खींचा जाए. उल्लेखनीय है कि निलंबन वाले प्रस्ताव के समय भी सीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राज्यपाल पर सुनियोजित हमला किया है. सीएम ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जब विपक्ष के पास तर्क देने के लिए शब्द कम पड़ गए, तब इन्होंने हाथ चलाए. सीएम ने कहा कि सरकार को राज्यपाल के साथ हुई अभद्रता से शर्मसार होना पड़ा. कांग्रेस के इस दुर्व्यवहार पर समूची कैबिनेट ने राज्यपाल से क्षमायाचना की है.

राज्यपाल से माफी की उठी बात

वहीं, संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जब तक विपक्ष राज्यपाल से माफी नहीं मांग लेता है, तब तक इनके साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती. सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वे भी राज्यपाल का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार ने अभिभाषण को लेकर विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया. अगर विपक्ष को भरोसे में लिया होता तो घटना न होती. विपक्ष की मंशा राज्यपाल के पद को ठेस पहुंचाने की नहीं थी. अगर ऐसा होता तो क्या विपक्ष के सदस्य बजट अभिभाषण के मौके पर वेल में आ जाते. सुक्खू का रवैया दुर्व्यवहार वाले प्रकरण पर सफाई देने जैसा था.

लोगों ने भलाई के लिए भेजा है विधानसभा

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में कहा कि प्रदेश की जनता ने यहां लोगों की भलाई के कार्य करने को भेजा है. प्रदेश की सत्तर लाख की आबादी ने हम सभी को सदन में लड़ाई करने नहीं भेजा है. भारद्वाज ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के रवैये की कड़ी आलोचना भी की.

विधानसभा उपाध्यक्ष के बोलने पर हंगामा

विधानसभा उपाध्यक्ष के बोलने को लेकर हंगामा प्रश्नकाल के दौरान करीब साढ़े ग्यारह बजे अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उपाध्यक्ष हंसराज को बोलने के लिए अवसर दिया. जैसे ही विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज बोलने के अपनी सीट पर खड़े हुए, कांग्रेस सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कड़ा एतराज जताया और आरोप लगाया कि ये तो राज्यपाल वाली घटना के दोषी हैं, ये कैसे बोलेंगे.

विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज औरविक्रमादित्य सिंह के बीच जोरदार बहसबाजी

इतना सुनते ही कांग्रेस के विधायकों ने हंसराज के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. करीब 11 बजकर 31 मिनट पर युवा कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह उत्तेजित हो गए. वे अपनी सीट से उठकर सीधे उपाध्यक्ष हंसराज के पास आ पहुंचे. उपाध्यक्ष की सीट पर दोनों के बीच बहसबाजी हुई. माहौल बिगड़ता देख सुक्खू वहां पहुंच और विक्रमादित्य सिंह को वहां से वापस उनकी सीट तक ले गए. ये देखते हुए सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य भी सीएम की सीट के पास आए और विपक्ष के इस व्यवहार पर एतराज जताया.

विधानसभा उपाध्यक्ष को अपनी बात रखने का पूरा हकः सीएम

बाद में सीएम अपनी सीट से खड़े हुए और कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष को अपनी बात रखने का पूरा हक है. सीएम ने कहा कि सबने अपनी बात रखी है, लेकिन बाहर जहां पांच विधायक धरने पर बैठे हैं. वहां उपाध्यक्ष के खिलाफ पोस्टर में बेहद आपत्तिजनक और भद्दी टिप्पणियां की हैं. यह कतई बर्दाश्त नहीं होगी. कांग्रेस लंबे अरसे तक सत्ता में रही, लेकिन आपने सत्ता के अनुभव से क्या सीखा.

सदन से विपक्ष का वॉकआउट

जैसे-जैसे मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर करारा हमला किया, विक्रमादित्य सिंह फिर से खड़े हो गए और उपाध्यक्ष के साथ फिर से बहस में उलझ गए. तब अध्यक्ष विपिन परमार ने विक्रमादित्य सिंह से कहा कि वे उत्तेजित न हो, यह सदन है, कोई जनसभा स्थल नहीं. बाद में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ऊंचा बोलने से आप लोगों का ये व्यवहार छिपा नहीं रह सकता. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के लोग पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का हाथ तक तोड़ चुके हैं. भाजपा कार्यालय पर हमला कर पत्थरबाजी की गई. एक कार्यकर्ता की आंख चली गई थी. बाद में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

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