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करोड़ों खर्च करने के बावजूद पूरा नहीं हुआ ठियोग-हाटकोटी मार्ग का काम, बागवानों को हो रहा भारी नुकसान

ठियोग हाटकोटी और रोहड़ू सड़क खस्ताहाल में है. इस सड़क पर पहाड़ी से पत्थरों के गिरते रहते हैं जिससे हादसे होने की संभावना हमेशा बनी रहती है. वहीं राजनीति का शिकार नया पूल आधा अधूरा सरकारी जंग खा रहा है.

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Published : Sep 2, 2019, 1:01 PM IST

rohru hatkoti

शिमला: जिला के ठियोग हाटकोटी और रोहड़ू सड़क का काम करोड़ों खर्च होने के बावजूद भी पूरा नहीं हो पाया है. कई जगह इस सड़क की हालत बेहद खस्ता है. सड़क के काम के लिए कई बड़ी कम्पनियों को करोड़ों रुपये दिए गए हैं लेकिन सड़क का काम पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है.

ठियोग से रोहड़ू के लिए बन रही सड़क का काम तीन सरकारें बदल जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. पार्टियां खुद को जिम्मेदारी से बचाने के लिए एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ती रहती है. कई कम्पनियों ने इससे मोटी कमाई कर ली है लेकिन इस सड़क को पूरा करने की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है. इससे कोटखाई, जुब्बल और रोहड़ू कई साल पिछड़ने को मजबूर है.

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हर साल की तरह इस साल भी सेब का सीजन जोरों पर है लेकिन इस सड़क पर गाड़ी चलाना खतरे से खाली नहीं है. साथ ही निहारी नाले के पास रोजाना घंटों का जाम लगता है. इससे सेब मंडियों तक देरी से पहुंचता है और बागवानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है.

ठियोग हाटकोटी और रोहड़ू सड़क खस्ताहाल में है. इस सड़क पर पहाड़ी से पत्थरों के गिरते रहते हैं जिससे हादसे होने की संभावना हमेशा बनी रहती है. वहीं राजनीति का शिकार नया पूल आधा अधूरा सरकारी जंग खा रहा है.

लोगों का कहना है कि इस रोड के पूरा न होने से पर्यटन को काफी नुकसान हो रहा है. प्रदेश पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा है. वहीं इस इलाके की अनदेखी की जा रही है. हाटकोटी, चांशल और गिरीगंगा को जहां पर्यटकों के लिए विकसित किया जाना था वहां इस सड़क की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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