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जनजातीय क्षेत्रों में कमेटियों को सौंपी जा सकती है पंचायतों की बागडोर, ये है वजह

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर(second wave of corona) के चलते प्रदेश सरकार(state government) फिलहाल कोई भी चुनाव(election) करवाने के मूड में नहीं है. राज्य निर्वाचन आयुक्त(state election commissioner) का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए आयुक्त की नियुक्ति भी नहीं की जा सकी है. जनजातीय क्षेत्रों(tribal area) में पंचायतों का कार्यकाल 24 जून को पूरा हो रहा है, लेकिन अभी तक नई पंचायतों(new panchayat) के गठन के लिए चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. अब प्रदेश सरकार के पास केवल कमेटियां गठित करने का विकल्प ही बचा है.

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Published : Jun 20, 2021, 2:06 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 3:30 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों(tribal area) में पंचायतों का कार्यकाल 24 जून 2021 को पूरा हो रहा है, लेकिन अभी तक नई पंचायतों(new panchayat) के गठन के लिए चुनावी प्रक्रिया(election process) पूरी नहीं हो सकी है. अब प्रदेश सरकार(state government) के पास केवल कमेटियां गठित करने का विकल्प ही बचा है. अगर ऐसा हुआ तो, प्रदेश में पहली बार किसी पंचायत का जनकार्य चुने हुए प्रतिनधियों के स्थान पर कमेटियां देखेंगी.

चुनाव करवाने के मूड में नहीं प्रदेश सरकार

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर(second wave of corona) के चलते प्रदेश सरकार(state government) फिलहाल कोई भी चुनाव(election) करवाने के मूड में नहीं है. इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयुक्त(state election commissioner) का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए आयुक्त की नियुक्ति भी नहीं की जा सकी है. पंचायती राज चुनाव(panchayat election) कब करवाने हैं, इसकी तिथियां तय करने की शक्ति राज्य निर्वाचन आयुक्त(state election commissioner) के पास ही होती है. वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से प्रदेश सरकार(state government) को जनजातीय क्षेत्रों में चुनावों को लेकर भेजे गए पत्र का भी सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है. पत्र में आयोग ने पूछा है कि क्या सरकार चुनाव करवाने को तैयार हैं या अभी नहीं.

प्रशासन को लिखा पत्र

राज्य निर्वाचन आयोग(state election commissioner) ने चंबा और लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या वे चुनाव करवाने को तैयार हैं. इसपर जिला प्रशासन का जवाब आया है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (second wave of corona) के चलते अधिकांश अधिकारी उससे निपटने में व्यस्त हैं. ऐसे में फिलहाल चुनाव(panchayat election) करवाना संभव नहीं है, इसलिए दोनों जिलाधीशों ने फिलहाल चुनाव टालने की मांग की है.

सरकार के पास केवल कमेटियां गठित करने का विकल्प

सभी परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों (tribal area)में पंचायती राज चुनाव कुछ दिनों में होने की संभावना कम है. ऐसे में सरकार (state government) के पास केवल कमेटियां गठित करने का ही विकल्प बचता है. हिमाचल प्रदेश पंचायती राज एक्ट(himachal pradesh panchayati raj act) 1994 की धारा 124 और 140 में कमेटियां गठित करने का प्रावधान है. इसके अनुसार कमेटियां अधिकतम छह महीने तक विकास कार्य देख सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश में पहली बार पंचायत प्रतिनिधियों(Panchayat representatives) के स्थान पर कमेटियां पंचायत क्षेत्र का विकास कार्य देख सकती हैं. हालांकि इसपर सरकार को अंतिम निर्णय अभी लेना है.

पांगी की 19 पंचायतों में होने हैं चुनाव

चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी(tribal area pangi) की 19 पंचायत, लाहौल की 28, काजा की 16 और कुल्लू की चार कर्जन, सोयल, जाबन और नमहोग पंचायतों में चुनाव होने हैं. पांगी में जिला परिषद सदस्य(zilla parishad member) के चुनाव बीते दिसंबर-जनवरी महीने में हो गए हैं. अब यहां ग्राम पंचायत(gram panchayat) और पंचायत समिति (panchayat committee)के चुनाव होने हैं.

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Last Updated : Jun 20, 2021, 3:30 PM IST

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