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हिमाचल की सियासत में गर्म हो रहा हिंदुत्व का मुद्दा, सीएम सुखविंदर सिंह के बयान पर भाजपा आक्रामक

हिमाचल के बजट सत्र 2023 के दौरान हिंदुत्व का मुद्दा विधानसभा में गूंज सकता है.सीएम सुखविंदर सिंह के कुछ दिन पहले रायपुर में दिए गए बयान के बाद भाजपा आक्रामक दिखाई दे रही है.

The issue of Hindutva in the politics of Himachal
The issue of Hindutva in the politics of Himachal

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Published : Mar 2, 2023, 9:05 AM IST

शिमला:हिमाचल में सत्ता संभालने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बयान दिया था कि जिस प्रदेश में 97 फीसदी हिंदू आबादी है, वहां कांग्रेस ने हिंदुत्व की विचारधारा वाली भाजपा को चुनाव में शिकस्त दी है. उस समय भी सीएम सुखविंदर सिंह का ये बयान नेशनल मीडिया में सुर्खियों में आया था. अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में फिर इसी मुद्दे को छेड़ा. सीएम ने रायपुर में कहा कि हिमाचल में हिंदुओं की आबादी 97 प्रतिशत है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हिमाचल प्रदेश से आते हैं. ऐसे में कांग्रेस ने भाजपा को हराने की रणनीति बनाई और कांग्रेस की इंसानियत की विचारधारा ने भाजपा को शिकस्त दी.

इंसानियत की विचारधारा को मिली जीत:कांग्रेस अधिवेशन के दूसरे दिन हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का संबोधन हुआ था. सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा था कि प्रियंका वाड्रा के मार्गदर्शन में रणनीति बनाई गई और हिन्दू विचारधारा वाले दल भाजपा को चुनाव में शिकस्त दी. इस प्रकार 97 प्रतिशत हिंदू आबादी वाले राज्य में कांग्रेस की इंसानियत की विचारधारा को जीत मिली. इससे पहले नई दिल्ली में चुनाव से पूर्व भी मीडिया से वार्ता में सुखविंदर सिंह ने इन्हीं लाइनों को दोहराया था.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जताई आपत्ति

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जताई आपत्ति:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के रायपुर में दिए गए बयान पर पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी आपत्ति जताई है. जयराम ठाकुर ने कांगड़ा में कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को खुश करने के लिए ऐसा बयान दिया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम सुखविंदर ने हिंदुओं का अपमान किया है. सीएम का ये कहना कि हिमाचल में 97 फीसदी हिंदू रहते हैं और उनकी पार्टी ने हिंदुत्व की विचारधारा वाले दल भाजपा को हरा दिया, ये बिल्कुल गलत है. हिमाचल में चुनाव कोई हिंदुत्व के मुद्दे पर नहीं लड़ा गया था.

भाजपा हिंदुत्व का मुद्दा उठाने की कोशिश में

भाजपा हिंदुत्व का मुद्दा उठाने की कोशिश में:फिलहाल, मंगलवार को ही हिमाचल प्रदेश सरकार में सीपीएस संजय अवस्थी ने भी इसी तरह का बयान दिया है. सोलन में एक स्कूल के सालाना समारोह में शामिल हुए संजय अवस्थी ने कहा कि भाजपा हिंदुत्व का मुद्दा उछालना चाहती है. कांग्रेस की विचारधारा सभी को साथ लेकर चलने की है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जनादेश मिला. हिमाचल में 97 फीसदी हिंदू रहते हैं. हिंदू स्टेट में कांग्रेस की विचारधारा को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि देश की तर्ज पर ही भाजपा हिमाचल में हिंदुत्व का मुद्दा उठाने की कोशिश में है.

राजीव बिंदल ने किया पलटवार

राजीव बिंदल ने किया पलटवार:वहीं, कांग्रेस नेताओं के बयान पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर लीडर डॉ. राजीव बिंदल ने पलटवार किया है. सीएम सुखविंदर सिंह के रायपुर में दिए गए बयान पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि सीएम का बयान सीधे तौर पर हिंदू मान्यताओं, आस्था व संस्कृति पर चोट है. बिंदल ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम ही हिंदू विचारधारा है.

नजरें 2024 पर:इस समय हिमाचल में कांग्रेस को सत्ता में आए 3 महीने से कुछ अधिक का समय हुआ है. अगले साल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की पहली परीक्षा होगा. वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस के समक्ष चार लोकसभा सीटों पर जीत की चुनौती होगी. हिमाचल में इस समय केवल मंडी सीट कांग्रेस के पास है. इससे पहले 2014 व 2019 में चारों सीटें भाजपा के पास थीं. उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने मंडी सीट जीती. ऐसे में यदि कांग्रेस 2024 में हिंदुत्व को मुद्दा बनाएगी तो उसका क्या असर होगा, ये देखने वाली बात है.

हिमाचल में हिंदुत्व कोई मुद्दा नहीं:वरिष्ठ मीडिया कर्मी और तीन दशक से भी अधिक समय से हिमाचल की सियासत को नजदीक से परख रहे धनंजय शर्मा का कहना है कि इस पहाड़ी राज्य में जातीय आधार पर तो चुनाव प्रभावित होते हैं, लेकिन समुदाय विशेष कभी मुद्दा नहीं रहा. हिमाचल में न के बराबर अल्पसंख्यक हैं. ऐसे में हिंदुत्व कोई मुद्दा न तो कभी था और न ही आगे आने वाले समय में होने के आसार हैं.

कांग्रेस नेता होते रहे धार्मिक आयोजनों में शामिल:दिलचस्प बात है कि हिमाचल में चुनाव के दौरान भाजपा ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था, लेकिन चुनाव प्रचार में इस मुद्दे पर कभी बात नहीं की. वहीं, कांग्रेस में राहुल गांधी से लेकर अन्य नेता हिंदुत्व को लेकर भाजपा को कोसते हों, लेकिन चुनाव प्रचार में प्रियंका वाड्रा मंडी में शिव मंदिर में दर्शन करने गई थीं. यही नहीं, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का परिवार उनके चुनाव जीतने पर मां चिंतपूर्णी के शक्तिपीठ में गया था. समय-समय पर कांग्रेस के नेता ऊना में बाल लाल जी के आश्रम सहित अन्य धार्मिक आयोजनों में शामिल होते रहे हैं. शिमला में सभी दलों के नेता जाखू स्थित हनुमान मंदिर में पूजा के लिए जाते रहे हैं.

विधानसभा के बजट सत्र में उछल सकता मुद्दा:ऐसे में हिंदुत्व की विचारधारा को हराने के मुद्दे को बहस के केंद्र में लाने पर जनता भी हैरान है. उल्लेखनीय है कि देश के कुछ अन्य राज्यों में जरूर ऐसे मुद्दों को चुनाव का आधार बनाया जाता है, लेकिन हिमाचल में ऐसा कभी नहीं हुआ. दिलचस्प बात ये है कि भाजपा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनावी हिंदू बताती है. राहुल गांधी कई मंदिरों में दर्शन के लिए जा चुके हैं.देखना है कि क्या विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा इस मामले में सत्ताधारी दल कांग्रेस को घेरती है या नहीं. फिलहाल तो हिमाचल प्रदेश में इस समय 97 फीसदी हिंदू आबादी और हिंदुत्व की विचारधारा वाला मुद्दा गर्म है.

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