शिमला: हिमाचल में इंडस्ट्री सेक्टर से जुड़ी एक सुख की खबर है. बिजली की पर्याप्त उपलब्धता और देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति के कारण पहाड़ी राज्य में उद्योगों का विस्तार हो रहा है. चालू वित्त वर्ष में हिमाचल की जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान करीब-करीब 43 फीसदी अनुमानित है. राज्य के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि राज्य के जीएसवीए यानी ग्रॉस स्टेट वेल्यू एडिड उद्योग सेक्टर का योगदान 42.97 फीसदी अनुमानित है. इसमें से 30.83 फीसदी विनिर्माण क्षेत्र से आता है. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों से 12.14 फीसदी हिस्सा है. चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 में इंडस्ट्री का कुल जीएसवीए 79,284 करोड़ रुपए है. चालू वित्त वर्ष में खनन में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी अनुमानित है.
हिमाचल के 10.74 लाख लोग करते हैं इंडस्ट्री सेक्टर में काम:हिमाचल प्रदेश में व्यस्क आबादी में से 10.74 लाख से अधिक लोग इंडस्ट्री सेक्टर में काम करते हैं. प्रदेश के 19.32 फीसदी काम करने वाले व्यस्क औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार में हैं. कंस्ट्रक्शन यानी निर्माण सेक्टर में 11.53 फीसदी रोजगार है. वहीं, विनिर्माण यानी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार का प्रतिशत 7.61 है. निर्माण क्षेत्र में निरंतर रोजगार बढ़ रहा है.
बीबीएन में एशिया का फार्मा हब:सोलन जिला का बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ यानी बीबीएन क्षेत्र एशिया का फार्मा हब है. देश की फार्मा डिमांड का 35 फीसदी हिमाचल प्रदेश पूरा करता है. यहां बद्दी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एंड रिसर्च यानी एनआईपीईआर की स्थापना का प्रस्ताव है. अब ऊना के हरोली में बल्क ड्रग फार्मा पार्क की स्थापना हो रही है. इससे हिमाचल न केवल देश बल्कि दुनिया में फार्मा का सिरमौर बनेगा.