हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कोरोना संकट में देवभूमि के मंदिरों ने खोला खजाना, HP कोविड-19 SDR फंड में दिए करीब 15 करोड़ - कोरोना संकट

हिमाचल के मंदिरों ने अभी तक 15 करोड़ रुपए के करीब रकम कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए गठित फंड में दिए हैं. ये सिलसिला अभी भी जारी है.

15 Crores in HP Kovid-19 SDR Fund
15 Crores in HP Kovid-19 SDR Fund

By

Published : May 3, 2020, 8:58 PM IST

शिमला :कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड में अभी तक 27,31,19,009 रुपये एकत्रित हो चुके हैं. देवभूमि हिमाचल के मंदिरों ने कोरोना संकट के इस दौर में आम जनता की मदद के लिए अपने-अपने खजाने खोल दिए हैं. हिमाचल के मंदिरों ने अभी तक 15 करोड़ रुपये के करीब रकम कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए गठित फंड में दिए हैं. ये सिलसिला अभी भी जारी है.

देश के विख्यात शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी मंदिर व बाबा बालकनाथ मंदिर ट्रस्ट ने सरकारी खजाने में पांच-पांच करोड़ रुपये का अंशदान दिया है. बिलासपुर से मां नैना देवी ट्रस्ट ने 2.50 करोड़ रुपये व कांगड़ा जिला के विख्यात शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर ने एक करोड़ रुपये का अंशदान किया है. बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा ने पचास लाख रुपये दिए हैं. शिमला के मशहूर कालीबाड़ी मंदिर ने 25 लाख रुपये की आहूति डाली.

सुखद बात ये है कि हिमाचल के ग्रामीण इलाकों के मंदिर भी इस सेवा यज्ञ में पीछे नहीं हैं. सबने यथाशक्ति सरकारी खजाने में अंशदान दिया है. इसी तरह मंडी के विख्यात देव कमरूनाग मंदिर प्रबंधन ने 11 लाख रुपये दान किए. हमीरपुर के गसोता महादेव मंदिर ने 10 लाख रुपये भेंट किए हैं. मंडी से अन्य देवी-देवताओं ने 7.51 लाख रुपये भेंट किए हैं. मंडी जिला के सभी मंदिरों से अब तक कुल 22.51 लाख रुपये दिए जा चुके हैं.

किन्नौर के मूरंग मंदिर प्रबंधन ने 1.20 लाख रुपये की रकम भेंट की. कुल्लू के रघुनाथ मंदिर ने एक लाख रुपये दिए हैं. कुल्लू के आनी के मंदिर भझारी कोट व बूढ़ी नागिन मंदिर ने 1.52 लाख रुपये का अंशदान कोरोना से लड़ाई में किया है. मंडी के मगरू महादेव छतरी ने एक लाख रुपये, ममलेश्वर महादेव मंदिर करसोग, तेबणी महादेव मंदिर ने एक लाख रुपये, मूल माहूंनाग मंदिर एक लाख रुपये भेंट किए हैं.

जिला शिमला की बात करें तो यहां के ग्रामीण इलाकों के मंदिरों ने भी कोरोना से निपटने के लिए सरकार की मदद को हाथ बढ़ाया है. ऊपरी शिमला के नावर क्षेत्र के देवता महाराज नारायण ने 1.51 लाख रुपये अंशदान किया है. नावर क्षेत्र के ही रुद्र देवता महाराज ने 2 लाख रुपये, देवता साहिब गोलीनाग पुजारली ने 1.51 लाख रुपये, देवता बौंद्रा महाराज ने अपने खजाने से दो लाख रुपये कोविड सॉलिडेरिटी फंड में दान दिए हैं.

शिमला जिला के ठियोग में के चिखड़ेश्वर महादेव मंदिर ने 11 लाख रुपये की आहूति इस सेवा यज्ञ में डाली है. कुफरी की जयेश्वरी देवी धरेच मंदिर समिति ने 1.11 लाख रुपये व कुफरी के नवदुर्गा मंदिर ने 51 हजार रुपये दिए हैं. सोलन जिला के अर्की में बनिया देवी मंदिर की दुर्गा मंदिर समिति ने 1.25 लाख रुपये भेंट किए.

हिमाचल के सरकारी अधिग्रहित मंदिरों में खरबों का खजाना

हिमाचल में सरकारी अधिग्रहण के तहत 35 मंदिर हैं. सबसे संपन्न मंदिर मां चिंतपूर्णी का है. यहां मंदिर के खजाने के तहत एक अरब रुपये की बैंक एफडी व एक क्विंटल सोना है. शक्तिपीठ मां नैना देवी के पास भी खजाने की कमी नहीं है. मंदिर के पास 58 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी व एक क्विंटल से अधिक सोना है. सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के कुल 35 मंदिर अधिगृहित किए हैं.

बिलासपुर जिला के शक्तिपीठ मां श्री नैनादेवी के खजाने में 11 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 58 करोड़ रुपये से अधिक एफडी के तौर पर है. मंदिर के पास एक क्विंटल 80 किलो सोना और 72 क्विंटल से अधिक की चांदी है. सोना-चांदी के हिसाब से केवल दो मंदिर ही भरपूर हैं. चिंतपूर्णी मां के खजाने में सबसे अधिक संपन्नता है. एक अरब रुपये से अधिक की एफडी के साथ मंदिर के पास एक क्विंटल 98 किलो सोना है. मंदिर ट्रस्ट के पास 72 क्विंटल चांदी भी है.

अन्य शक्तिपीठों में मां ज्वालामुखी के पास 23 किलो सोना, 8.90 क्विंटल चांदी के अलावा 3.42 करोड़ रुपये की नकदी है. कांगड़ा के शक्तिपीठ मां चामुंडा के पास 18 किलो सोना है. सिरमौर के त्रिलोकपुर में मां बालासुंदरी मंदिर के पास 15 किलो सोना और 23 क्विंटल से अधिक चांदी है.

चंबा के लक्ष्मीनारायण मंदिर के पास भी 15 किलो सोना और करोड़ों रुपये की संपत्ति है. मां दुर्गा मंदिर हाटकोटी के पास 4 किलो सोना, 2.87 करोड़ की एफडी व 2.33 करोड़ रुपये नकद हैं. अब कोरोना से लड़ाई में सभी मंदिर मदद को आगे आ रहे हैं.

एचपी कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पांड फंड में 21 अप्रैल तक 20 करोड़ 16 लाख जुड़े हैं. किन्नौर में देवी देवताओं ने कुल 15 लाख कोविड फंड में दिए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details