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20 साल से आसपास के स्कूलों में सेवाएं दे रही थी अध्यापिका, हाईकोर्ट ने खारिज किया तबादला रुकवाने का आग्रह

हिमाचल हाईकोर्ट ने अध्यापिका बबीता डोगरा की उस याचिका को खारिज कर दिया,जिसमें उसने तबादला रुकवाने का आग्रह किया था. कोर्ट ने पाया कि करीब 2 दशक से बबीता कम्फर्ट जोन में ही नौकरी कर रही थी. (Teacher Babita Dogra petition dismissed )

Teacher Babita Dogra petition dismissed
Teacher Babita Dogra petition dismissed

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Published : Apr 26, 2023, 7:14 AM IST

शिमला:अपने सेवाकाल के 20 साल यानी 2 दशक से एक महिला टीचर आसपास के स्कूलों में ही अध्यापन कार्य कर रही थी. अब उसका तबादला ढली स्कूल से एक अन्य जगह किया गया तो अध्यापिका उसे रुकवाने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई. अदालत ने महिला टीचर के तबादला आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया. महिला टीचर बबीता डोगरा का तबादला ढली स्कूल से सिरमौर जिले के भनोग स्कूल किया गया था.

बबीता डोगरा की याचिका खारिज करने से पहले रिकार्ड का अवलोकन:बबीता इस तबादले को रुकवाने के लिए हाईकोर्ट पहुंची थी. उसने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि उसे ढली स्कूल में सेवाएं देते हुए अभी केवल डेढ़ साल ही हुआ है, लेकिन अदालत ने तबादला आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ढली में प्रवक्ता पद पर तैनात याचिकाकर्ता बबीता डोगरा की याचिका खारिज करने से पहले तमाम रिकार्ड का अवलोकन किया. मामले के अनुसार प्रार्थी का तबादला ढली से सिरमौर जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भनोग को किया गया.

2001 से तबादला आसपास होता रहा:प्रार्थी का आरोप था कि सरकार ने 27 मार्च को जारी आदेश के तहत उसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भनोग भेज दिया गया, जबकि ढली स्कूल में उसका अभी कार्यकाल महज डेढ़ वर्ष का ही हुआ है. अदालत की तरफ से रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया गया कि प्रार्थी की नियुक्ति वर्ष 2001 में शिमला से करीब 40 किलोमीटर दूर जनेडघाट स्कूल में टीजीटी के पद पर तैनाती हुई थी. तब से लेकर अभ तक प्रार्थी आसपास के स्कूलों में ही ट्रांसफर होती रही. तैनाती के बाद करीब 5 साल बाद वर्ष 2006 में उसे जनेडघाट से शिमला के बीस किलोमीटर दूर ही कुफरी भेजा गया. उसके बाद महिला टीचर का तबादला शिमला के समीप ही दुर्गापुर के लिए हुआ. वर्ष 2010 में उसे दुर्गापुर से शांकली लक्कड़ बाजार भेजा गया.

पहला मौका कम्फर्ट जोन से बाहर तबादला: बाद में 3 साल यानी वर्ष 2012 से वर्ष 2015 तक उसने शिमला के समीपस्थ कोटी स्कूल में अपनी सेवाएं दीं. वर्ष 2015 में बबीता डोगरा की प्रमोशन हुई और वो प्रवक्ता बन गई. प्रवक्ता बनने के बाद बबीता डोगरा की तैनाती 16 अक्टूबर 2019 तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धमांदरी में रही. प्रार्थी को 24 अगस्त 2021 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ढली में तैनाती दी गई थी. प्रार्थी का कहना था कि उसने मौजूदा स्थान पर केवल डेढ़ वर्ष का कार्यकाल ही पूरा किया है इसलिए उसका तबादला स्थानांतरण नीति के अनुरूप नहीं है. इस पर अदालत ने कहा कि यह पहला मौका है जब प्रार्थी को अभी तक के कार्यकाल में कम्फर्ट जोन से बाहर भेजा जा रहा है. हाईकोर्ट ने तबादला रुकवाने का आग्रह करने वाली याचिका खारिज कर दी.

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