शिमला:हिमाचल के आबकारी विभाग ने इस वित्त वर्ष में 1004 करोड़ रुपए का कर एकत्र किया है जो कि पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी अधिक है. बीते साल में यह इस अवधि में 890 करोड़ रुपए थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने निरंतर निगरानी, टैक्स रिटर्न की शीघ्र जांच, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ऑडिट को समय पर पूरा करने और कर अधिकारियों की कैपेसिटी बिल्डिंग पर विशेष बल दिया है, इसके चलते कर में यह बढोतरी हुई है.
'1.85 लाख ई-वे बिल का हुआ वेरिफिकेशन':मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में कर सुधारों लागू करने की दिशा में सक्रियता के साथ कार्य कर रही है. इसका मकसद करदाताओं को स्वेच्छा से कर के उचित हिस्से का योगदान करने के लिए प्रेरित करना है. सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 13 लाख ई-वे बिलों के वेरिफिकेशन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा 1.85 लाख ई-वे बिल वेरिफाई किए गए. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में उल्लंघनकर्ताओं से जुर्माने के रूप में 92 लाख रुपये वसूल किए गए हैं.
'कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों को किया गया उजागर':मुख्यमंत्री ने कहा कि कर प्रणाली को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य ने जीएसटी राजस्व वृद्धि और क्षमता वृद्धि परियोजना शुरू की है. इस पहल का उद्देश्य विभाग की डेटा विश्लेषण क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार करना है. इसके अंतर्गत धोखाधड़ी करने वाले करदाताओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, और हाल के महीनों में, कई गैर-मौजूदा पंजीकरणों को उजागर किया गया है. फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी विशेष अभियान 15 मई को शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों का पता लगाना और उनमें रोक लगाना है.