शिमला: आज के दौर में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ी हैं. मोबाइल के जरिए ऐसे कई मैसेज आते हैं जो एटीएम, बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं. साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में साइबर ठगों से बचने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.
साइबर अपराधी कार्ड क्लोनिंग, सिम क्लोनिंग या फिर फेक आइडेंटिटी के जरिए लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. शिमला में ही दो महिलाओं के साथ एटीएम कार्ड क्लोनिंग के जरिए हजारों रुपये की ठगी हुई. गनीमत ये रही कि महिलाओं के खातों में राशि ज्यादा नहीं होने से वे अधिक नुकसान से बच गईं.
जबरदस्ती सहायता की पेशकश और हजारों की चपत
राजधानी शिमला में नए साल पर दो साइबर ठगी के दो अलग-अलग मामले सामने आए हैं. इनमें समानता ये है कि दोनों महिलाओं के साथ ठगी के आरोपी एक ही हैं. पहले साइबर अपराधियों ने महिलाओं से एटीएम में पैसे निकालने के लिए मदद की पेशकश की.
आरोपियों ने पैसे निकालते वक्त महिलाओं के एटीएम कार्ड की जानकारी चुरा ली और बाद में सोलन के कंडाघाट में एक एटीएम से पैसे निकाल लिए. एक महिला के खाते से 18 हजार रुपये और दूसरी महिला के खाते से 15 हजार रुपये निकाल लिए गए.
आपकी सावधानी साइबर अपराधियों के लिए परेशानी
एटीएम कार्ड क्लोनिंग के मामले में आपकी सावधनी ही आपका सबसे बड़ा हथियार है. जब भी आप एटीएम मशीन के कैबिन मैं पैसा निकालने के लिए प्रवेश करते हैं तब कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
- सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपके अलावा एटीएम कक्ष में कोई और दूसरा शख्स ना हो.
- अगर कोई व्यक्ति आपको एटीएम से पैसे निकालने में मदद की पेशकश करता है तो उसके बहकावे में ना आएं.
- अगर कोई व्यक्ति जबरदस्ती आपकी पैसा निकालने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है या मार्गदर्शन करने की कोशिश करता है. तो ऐसी व्यक्ति के प्रति कड़ा विरोध दर्ज करें.
कैसे होती है कार्ड क्लोनिंग ?
एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने कहा कि साइबर अपराधी आपके साथ एटीएम मशीन के केबिन में प्रवेश करते हैं. और आपके पीछे खड़ा होकर पिन देख सकते हैं. इसके अलावा ताक झांक करके आपका एटीएम कार्ड स्कैन कर लिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को कार्ड क्लोनिंग कहते हैं.
आपका एटीएम कार्ड क्लोन होने के बाद यह अपराधी किसी दूसरे एटीएम में जाकर आपके खाते से मेहनत की कमाई चुटकियों में उड़ा कर ले जाते हैं. इस प्रकार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. 2021 में ही हिमाचल प्रदेश में कार्ड क्लोनिंग के चार से पांच केस दर्ज किए जा चुके हैं, इसलिए लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है.
इस तरह से ठगी को अंजाम देते हैं साइबर अपराधी
एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने कहा कि साइबर अपराधी बाहरी राज्यों से आते हैं और किसी भी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रहते. यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक घूमते रहते हैं. यह महिलाओं और अधिक उम्र के लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं. या फिर ऐसा व्यक्ति जिसको एटीएम मशीन में कार्ड प्रयोग करना नहीं आता हो उन्हें आसानी से बहका सकते हैं.
एएसपी राठौर ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जबरदस्ती एटीएम के केबिन में आपके पीछे प्रवेश करता है तो उसका खुले रूप से विरोध करना चाहिए. यदि विरोध करने के बाद भी कोई व्यक्ति बाहर नहीं निकलता है तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें, ताकि ऐसी आरोपियों को दबोचा जा सके.
साइबर ठगी होने पर क्या करें ? ऐसे अपराधियों को पकड़ना मुश्किल
एएसपी ने कहा कि ऐसे अपराधियों को पकड़ना भी काफी मुश्किल होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह एक राज्य से दूसरे राज्य लगातार घूमते रहते हैं और एक बार कार्ड से पैसे निकालने के बाद दूसरी बार उसका प्रयोग नहीं करते, इसलिए जब भी किसी को लगे कि कोई व्यक्ति अनावश्यक रूप से एटीएम मशीन में ताक झांक कर रहा है या आपके पैसे निकालने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रहा है तो जल्द पुलिस को सूचित करें.
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