शिमला:मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत निर्धारित तीनों चरण के सफल कार्यान्वयन के लिए वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों के साथ इसकी कार्य योजना की समीक्षा बैठक की.
डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि यह अभियान राज्य में प्लास्टिक कचरे की समस्या के नियंत्रण के लिए 11 सितंबर को आरम्भ किया गया था और 27 अक्टूबर तक चलाया जाएगा. मुख्य सचिव ने कहा कि इस अभियान के प्रथम चरण में राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों पर प्लास्टिक कचरे को एकत्रित करने के बारे में जन जागरूकता उत्पन्न की जाएगी.
इस चरण में शैक्षणिक संस्थानों, इको-क्लब, महिला मण्डलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों, व्यापार मंडलों, गैर सरकारी संस्थाओं, स्थानीय औद्योगिक इकाइयों और व्यावसायिक संस्थानों को प्लास्टिक कचरे को एकत्र करने तथा निपटान बारे में जागरूक किया जाएगा.
डॉ. बाल्दी ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि इस अभियान का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चिति बनाएं और प्रत्येक खंड और तहसील में कम से कम पांच से आठ कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि प्लास्टिक को एकत्र करने का अभियान सफल हो सके. उन्होंने अभियान के अन्तर्गत प्लास्टिक थैलों के स्थान पर कपड़े व कपास के थैलों का प्रयोग करने के लिए भी लोगों को प्रेरित करने करने के लिए कहा.
अभियान के दूसरे चरण में प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने व इसके निपटारे की तैयारियों पर कार्य किया जाएगा. मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्रों में कचरा एकत्रिकरण केन्द्रों को अधिसूचित करें और लोगों को प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे को एकत्र करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा.
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अभियान के तीसरे चरण के अन्तर्गत प्लास्टिक के प्रभावी निपटान पर कार्य किया जाएगा. यह कार्य तीन हिस्सों में किया जाएगा, जिसके अन्तर्गत 3 से 7 अक्टूबर तक ग्रामीण क्षेत्रों से एकत्रित कचरे को स्थानीय शहरी निकायों के एकत्रीकरण केन्द्रों में पहुंचाया जाएगा.