शिमला: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखे जाने पर शिमला में लोगों ने जश्न मनाया. बाजारों में जहां लोगों ने मिठाइयां बांटी तो वहीं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी शिमला वासियों के साथ इस ऐतिहासिक दिन की खुशी को सांझा किया. सुरेश भारद्वाज ने शिमला मॉल रोड पर नाज के समीप लोगों को मिठाई बांटी. यहां से गुजरने वाले लोगों को सुरेश भारद्वाज ने अपने हाथों से लड्डू बांटे और राम मंदिर के निर्माण को लेकर बधाई दी.
इस अवसर पर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है, उन्होंने कहा कि इस दिन को युगों- युगों तक याद किया जाएगा. इस दौरान सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 1991 में वह आंदोलन में शामिल होने के लिए अयोध्या गए थे, उस वक्त उन्हें भी जेल में डाल दिया गया था. उन्होंने कहा कि आज वह अपने सपने को अपनी आंखों से साकार होते हुए देख रहे हैं.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में हिमाचल का बेहद महत्वपूर्ण योगदान हैं. इसके पीछे की वजह यह है कि राम मंदिर को बनाने के लिए आखरी संघर्ष की नींव हिमाचल के पालमपुर में ही रखी गयी थी. जब 1986 में हिमाचल के पालमपुर में अटल बिहारी बाजपेयी की उपस्थिति में और लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई, तो उसमें अयोध्या में राम मंदिर को बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. उसके बाद आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या की यात्रा शुरू हुई.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सैकड़ों हजारों वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर मंदिर का निर्माण आज भूमि पूजन के साथ शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि भगवान राम हिंदुओं के प्रेरणा स्त्रोत नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए आस्था के प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि हम खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं कि हम इस बात के साक्षी बने हैं कि हजारों वर्षों के संघर्ष के बाद सत्य की विजय के स्वरूप में अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ निर्माण कार्य शुरू हो गया है.
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