शिमला: हिमाचल प्रदेश के कोटखाई बहुचर्चित गुड़िया रेप केस और उसके बाद लॉकअप में सूरज हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर केस को शिमला से चंडीगढ़ ट्रांसफर किया गया था. इस मामले में गुरुवार को चंडीगढ़ की जिला अदालत में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट पहली सुनवाई हुई.
बता दें कि गुड़िया गैंगरेप के बाद 13 जुलाई 2017 को राजू, दीपक, लोकजन, सूरज, सुभाष को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 18 जुलाई की रात को आरोपित सूरज सिंह की लॉकअप में हत्या हो गई थी. आरोपी सूरज सिंह की पुलिस हिरासत में मौत के मामले पर हुई सुनवाई गुरुवार को चंडीगढ़ में सीबीआई की स्पेशल अदालत में सुनवाई हुई. इसमें सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. ट्रायल एविडेंस के लिए मामले की सुनवाई जुलाई के लिए स्थगित कर दी गई है.
गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश के सबसे चर्चित गुड़िया दुष्कर्म एवं सूरज हत्या मामले में कानूनी जंग और लंबी खिंच गई है. पीड़ित परिवार ने राज्य सरकार से लेकर केंद्र, पुलिस से लेकर सीबीआई तक से न्याय की पुकार लगाई. लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है. सूरज हत्या मामले में आरोपित आईजी जैड एच जैदी के बाद शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को भी जमानत मिली है. इससे मूल केस दोबारा चर्चाओं में आ गया है.
इस केस में पुलिस की कार्यप्रणाली पर शुरू से ही सवाल उठे थे. दबाव में आकर पुलिस ने बेकसूर लोगों को गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं शुरुआत में पुलिस की जांच भी गलत दिशा में रही. इसका खामियाजा पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ा. उन्हें भी सलाखों के पीछे जाना पड़ा. सीबीआई जांच में पुलिस के हाथों गिरफ्तार आरोपितों को क्लीन चिट मिली.
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