शिमला: हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार की टैगलाइन सुख की सरकार और व्यवस्था परिवर्तन है. कांग्रेस ने चुनाव से पहले हिमाचल की जनता को दस गारंटियां दी थी, इन गारंटियों में सबसे बड़ी गारंटी के तौर पर सुखविंदर सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ओपीएस की बहाली कर दी, लेकिन बाकी गारंटियों को लेकर विपक्षी दल भाजपा का बवाल जारी है.
नए साल पर सीएम का ऐलान: सुखविंदर सरकार ने 11 दिसंबर 2022 को सत्ता संभाली थी. फिर नए साल यानी वर्ष 2023 के पहले ही दिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया को प्रेस वार्ता के लिए बुलाया. रविवार के दिन सीएम सुक्खू ने निराश्रित बच्चों के लिए अपने ड्रीम प्लान का ऐलान किया. ये सपना निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट बनाने से जुड़ा था. इसके लिए 101 करोड़ से सीएम सुख आश्रय कोष की स्थापना की गई. इसमें सीएम ने अपने एक महीने के वेतन के अंशदान से शुरुआत की.
सुक्खूसरकार का ईयर एंडर: सुखविंदर सरकार के एक साल के इस कार्यकाल में हिमाचल ने सदी की भीषण आपदा को झेला. सरकार ने भाजपा कार्यकाल में खोले गए कई संस्थान बंद किए, कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया गया, छह सीपीएस बनाए गए और वीवीआईपी कल्चर पर लगाम लगाने की कोशिश की गई. एक साल के कार्यकाल की कुछ खास बातों का यहां इस ईयर एंडर में ब्यौरा दिया जा रहा है.
शपथ लेते ही अनाथालय का दौरा:शिमला के रिज मैदान पर 11 दिसंबर 2022 को शपथ लेने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू टूटीकंडी स्थित अनाथालय में गए. वहां निराश्रित बच्चों से मिले और उनकी तकलीफों को जाना. फिर नए साल के पहले दिन यानी एक जनवरी 2023 को सीएम ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष की स्थापना का ऐलान किया. ये 101 करोड़ रुपए का फंड है. इसमें सीएम व कांग्रेस के मंत्रियों-विधायकों ने एक माह का वेतन अंशदान के तौर पर दिया.
निराश्रित बच्चों को तोहफा:इस फंड से निराश्रित बच्चों को कई सुविधाएं दिए जाने का ऐलान हुआ. अब करीब छह हजार ऐसे बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट के तहत कई सुविधाएं दी जा रही हैं. उन्हें हवाई यात्रा का सुख भी मिलेगा. साथ ही लैपटॉप, जेब खर्च आदि की सुविधा भी मिलेगी. सुख की सरकार 27 साल तक की आयु वाले निराश्रितों को चार हजार रुपये मासिक जेब खर्च, कोचिंग के लिए एक लाख रुपए, तीन बिस्वा भूमि और मकान बनाने के लिए तीन लाख रुपये, शादी के लिए दो लाख रुपये के अनुदान के अलावा सूक्ष्म व लघु उद्योग स्थापित करने के लिए दो लाख रुपए की सब्सिडी दे रही है.
पहली कैबिनेट में ओपीएस की बहाली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सोलन के ठोडो ग्राउंड में चुनाव के दौरान रैली में वादा किया था कि सत्ता में आते ही पहली ही कैबिनेट में ओपीएस की बहाली की जाएगी. सुखविंदर सरकार ने 13 जनवरी 2023 को पहली कैबिनेट में ओपीएस की बहाली का ऐलान कर दिया. बाद में धीरे-धीरे ओपीएस की एसओपी तैयार हुई और अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है.
1.36 लाख कर्मचारियों को OPS का लाभ: सीएम सुखविंदर सिंह का दावा है कि करीब पांच सौ रिटायर्ड कर्मचारियों को अब ओपीएस मिल रही है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भी वादा किया गया था, लेकिन हिमाचल सरकार ने इसे धरातल पर उतारा है. हिमाचल में दो दशक बाद ओपीएस लौटी है. करीब 1.36 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ होगा. फिलहाल, बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है और उनका अपने हक के लिए संघर्ष जारी है.
पेपर लीक मामले में आयोग भंग: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में क्लास थ्री कर्मचारियों की भर्ती के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग स्थापित था. यहां पेपर लीक और पेपर बेचने के मामले सामने आने के बाद सुखविंदर सरकार ने इसे भंग कर दिया. कुछ भर्ती परीक्षाओं के परिणाम निकलने बाकी थे. मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा. नया आयोग अभी फंक्शनल नहीं हो पाया है. इससे युवाओं में रोष है. हिमाचल प्रदेश में जेओए आईटी का पेपर लीक हो गया था. उसके बाद राज्य सरकार ने हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षा रद्द कर दी थी. फिर 26 दिसंबर 2022 को कर्मचारी चयन आयोग को सुखविंदर सरकार ने सस्पेंड कर दिया था. पेपर लीक के खुलासे के बाद सरकार ने 21 फरवरी 2023 को इसे भंग कर दिया था.