हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

Himachal Toursim पर सुखविंदर सरकार का फोकस, हिमाचल में हर साल 5 करोड़ सैलानियों की आमद का लक्ष्य - Himachal government goals regarding tourism

हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सुखविंदर सरकार पर्यटन पर ज्यादा फोकस कर रही है. इसके लिए सरकार ने प्रदेश में हर साल 5 करोड़ सैलानियों के आने का लक्ष्य रखा है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal Toursim) (Sukhvinder government focus on Himachal Tourism).

Himachal Toursim
पर्यटन पर पर सुखविंदर सरकार का फोकस

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 25, 2023, 9:08 AM IST

शिमला: आर्थिक संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अब पर्यटन पर खास फोकस कर रही है. हिमाचल की सरकारें अभी तक सालाना दो करोड़ सैलानियों की आमद सुनिश्चित करने का लक्ष्य लेकर चल रही थीं, लेकिन सुखविंदर सिंह सरकार ने इसे पांच करोड़ सालाना करने पर काम शुरू किया है. हालांकि, अभी हिमाचल में किसी भी साल दो करोड़ सैलानी नहीं आए हैं, लेकिन नए व अनछुए पर्यटन स्थलों की तरफ आकर्षण पैदा किया जा रहा है. हिमाचल में केवल 2017 में 1.96 करोड़ सैलानी आए थे.

कोरोना के कारण पर्यटन सेक्टर को खासा नुकसान झेलना पड़ा था. कोरोना से उबरने के बाद हिमाचल में 2022 में डेढ़ करोड़ से अधिक पर्यटक हिमाचल आए. उसके बाद वर्ष 2023 में मासनून सीजन ने ऐसी तबाही मचाई कि शिमला, कुल्लू, मंडी की टूरिज्म बैल्ट की कमर टूट गई. अब स्थितियां कुछ संभली हैं. लिहाजा सरकार अब सड़कों की मरम्मत पर ध्यान दे रही है. इसके साथ ही हवाई सेवाओं पर भी फोकस किया जा रहा है. दिल्ली से शिमला की यदि नियमित उड़ानें हो जाएं तो सैलानी महज 55 मिनट में दिल्ली से शिमला पहुंच सकते हैं. बस के माध्यम से ये सफर आठ घंटे से अधिक का है. अकेले हवाई सेवाओं का विस्तार होने से हिमाचल में सालाना 60 लाख सैलानियों की आमद बढ़ जाएगी. यही कारण है कि हिमाचल सरकार इस पर ध्यान दे रही है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के शक्तिपीठों में और सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. हिमाचल में मां ज्वालामुखी, मां चिंतपूर्णी, मां चामुंडा, मां बज्रेश्वरी देवी, मां भीमाकाली के रूप में विख्यात शक्तिपीठ हैं. यहां हर साल लाखों श्रद्धालु माथा टेकने के लिए आते हैं. इन स्थलों में श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुविधाएं जुटाई जाएंगी. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री भी निजी तौर पर इस अभियान से पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा कांगड़ा जिला को हिमाचल की पर्यटन राजधानी बनाने की दिशा में काम चल रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि कांगड़ा जिला में पर्यटन के लिहाज से बहुत पोटेंशियल है. इसी कारण सरकार का खास फोकस जिला कांगड़ा पर है.

राज्य सरकार कांगड़ा को टूरिस्ट हब बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है. इस कड़ी में धर्मशाला में इंटरनेशनल लेवल के कन्वेंशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे. कांगड़ा जिला के बनखंडी में जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में ओल्ड एज वेलनेस रिजॉर्ट एवं हाई एंड फाउंटेन, नरघोटा में टूरिज्म विलेज, आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक, धरोहर गांव परागपुर में गोल्फ कोर्स मैदान, धर्मशाला में धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क, पालमपुर के मैंझा में वैडिंग रिजॉर्ट और हेलीपोर्ट निर्माण परियोजनाओं पर काम शुरू किया जाएगा. राज्य सरकार इसके अलावा वन क्षेत्रों में 11 इको-पर्यटन स्थल चिन्हित कर उन्हें विकसित करेगी. इनमें कांगड़ा जिला के पालमपुर वन मंडल में स्वार, सौरभ वन विहार, न्यूगल पार्क तथा बीड़-बिलिंग शामिल हैं. प्रत्येक ईको-पर्यटन स्थल एक हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होगा.

सुखविंदर सरकार के पहले बजट में कांगड़ा को इस मकसद से विकसित करने के लिए 390 करोड़ रुपए की रकम रखी गई है. हिमाचल में सैलानी अभी शिमला, कुल्लू, मनाली, डलहौजी आदि स्थानों के अधिक पहचानते हैं, लेकिन अनेक अनछुए पर्यटन स्थल और भी हैं. उदाहरण के लिए मंडी जिला में जंजैहली वैली, बरोट वैली, कुल्लू में शांघड़, चंबा में भरमौर आदि के आसपास अनेक मनोरन स्थल हैं. उन्हें बेहतर सड़क नेटवर्क से जोड़कर सैलानियों को आकर्षित किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि हिमाचल की जीडीपी में पर्यटन का हिस्सा सात फीसदी के करीब है. हवाई सेवाएं बढ़ने और नए आकर्षण विकसित होने पर ये दस फीसदी तक पहुंच सकता है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार इसे संभव कर दिखाएगी.

ये भी पढ़ें:Dussehra Festival in Sunni: सीएम सुक्खू ने जिला स्तरीय दशहरा उत्सव का किया शुभारंभ, 18 विकास परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास

ABOUT THE AUTHOR

...view details