शिमला:हिमाचल के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में इसी सत्र से नए कोर्स शुरू किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने इस बार के बजट में इसकी घोषणा की थी और अब इन कोर्सों को इसी सत्र से शुरू करने की तैयारी की जा रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के विभिन्न तकनीकी संस्थानों में इस वर्ष अगस्त माह से सूचना प्रौद्योगिक आधारित नया पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश को सूचना प्रौद्योगिकी के युग में परिवर्तन को अपनाकर हर क्षेत्र में अग्रणी रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगले शैक्षणिक सत्र में विभिन्न संस्थानों में कई महत्वाकांक्षी पाठ्यक्रम आरंभ करने का निर्णायक कदम उठाया है.
हिमाचल तकनीकी शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदान की गई स्वीकृति:मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस में विशेषज्ञता के साथ कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. इस पाठ्यक्रम को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय से मंजूरी मिल चुकी है. इसके अलावा, बहुतकनीकी संस्थान रोहड़ू में कंप्यूटर इंजीनियरिंग एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स और चंबा में मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग में विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन पाठ्यक्रमों को एआईसीटीई और हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा भी स्वीकृति प्रदान की गई है.
आईआईटी में भी शुरू किए जाएंगे नए कोर्स:मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ती आवश्यकता के अनुरूप राज्य के 17 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अन्य पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. इनमें मैकेनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल, टेक्नीशियन मेक्ट्रोनिक्स, फाइबर टू होम टेक्नीशियन, सोलर टेक्निशियन (इलेक्ट्रिक), इंटरनेट ऑफ थिंग्स टेक्निशियन और मेंटेनेंस मैकेनिक (केमिकल प्लांट) शामिल हैं. विविध तकनीकी क्षेत्रों से संबंधित पाठ्यक्रमों में अध्ययन से छात्रों में विशेष कौशल का विकास होगा.
योग्य शिक्षकों को तैनात करेगी सरकार:सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यावहारिक प्रशिक्षण के महत्व पर बल देते हुए विद्यार्थियों को पेशेवर अनुभव प्रदान करने के लिए अग्रणी कंपनियों के साथ समन्वय करने को कहा. इस तरह की साझेदारी को बढ़ावा देकर, सरकार का लक्ष्य शिक्षा और उद्योग के मध्य दूरी को कम करना है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को अपने करियर में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार योग्य शिक्षकों को तैनात करेगी, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत कर प्रदेश सरकार तकनीकी प्रगति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने और राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित करने के प्रयास कर रही है. उभरते हुए तकनीकी क्षेत्रों में आवश्यक कौशल के साथ छात्रों को प्रशिक्षित कर सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए प्रयासरत है.
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