शिमला: अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की धूम है. देश व दुनिया के लोग अयोध्या जाने के लिए उत्सुक हैं. इसी कड़ी में हिमाचल सरकार भी अयोध्या के लिए छह बसें चलाने की तैयारी कर रही है. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस बस सेवा के बारे में शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान जानकारी दी. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के पास परिवहन विभाग भी है. गुरुवार को शिमला में एचआरटीसी की निदेशक मंडल यानी बीओडी की मीटिंग में कई फैसले लिए गए.
इन्हीं फैसलों की जानकारी के लिए डिप्टी सीएम मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम यानी एचआरटीसी धार्मिक सर्किट के तहत मंदिरों व तीर्थों के लिए प्रथम दर्शन सेवा के नाम से बस सर्विस चला रही है. इसे और एक्सटेंड किया जा रहा है. अयोध्या के लिए परिवहन निगम छह बसें चलाना चाहता है. इसकी तैयारी की जा रही है. यूपी सरकार से इस बारे में चर्चा चल रही है.
हिमाचल सरकार ने परमिट की प्रक्रिया शुरू कर दी है. परमिट के लिए आवेदन किया जा चुका है. एचआरटीसी की एक टीम अयोध्या का दौरा कर रही है. यह टीम दिल्ली व अयोध्या में बसें कहां खड़ी होंगी, कौन से जगहों पर भोजन आदि के लिए रुकेगी, इसकी जानकारी जुटा रही है. दिल्ली से भी आगे अयोध्या के लिए करीब साढ़े सात सौ किलोमीटर का सफर है. ये सफर काफी लंबा है. ऐसे में एचआरटीसी प्रबंधन सारी बातों की जानकारी जुटा रहा है.
धार्मिक सर्किट की बसों में गूंजेंगे मंत्र:डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि धार्मिक सर्किट की बसों में मंत्रों की गूंज होगी. प्रथम दर्शन सेवा के नाम से शुरू की गई इस सुविधा में 175 रूट्स हैं. आने वाले समय में इन बस सेवाओं की खास ब्रांडिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस समय एचआरटीसी की बस सेवा खाटू श्याम मंदिर के लिए चल रही है. ये रूट फायदे में है. इसी प्रकार सिरमौर के मां भंगयाणी मंदिर के लिए चलाई गई बस सेवा भी लाभ में है. इस समय प्रदेश के विभिन्न स्थानों से हरिद्वार के लिए 45 बसें चलाई जा रही हैं. इसके अलावा वृंदावन से ज्वालाजी व मंडी के लिए बस सेवा है. वैष्णो देवी के लिए आठ बस रूट संचालित किए जा रहे हैं. अमृतसर के लिए प्रदेश के विभिन्न रूटों पर 21 बस सेवाएं हैं.
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