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बेसहारा पशुओं को सहारा देने के लिए सुक्खू सरकार की पहल, हेल्पलाइन नंबर 1100 पर दें सूचना - हिमाचल में 1100 हेल्पलाइन

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने में विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है. इस दिशा में प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 का समुचित उपयोग कर बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करना सुनिश्चित कर रही है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. मुख्यमंत्री ने पशु पालन विभाग को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि बेसहारा पशुओं से जुड़े खतरों को रोकने के लिए 1100-हेल्पलाइन में विशेष प्रणाली विकसित की जाए.

stray animals in himachal
सांकेतिक तस्वीर.

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Published : Feb 1, 2023, 5:48 PM IST

शिमला: पूर्व सरकार के दौरान शुरू की गई मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 को सुक्खू सरकार और इफेक्टिव बनाने जा रही है. लोग अपनी शिकायतों के साथ अब अपने आसपास बेसहारा पशुओं की सूचना भी इस हेल्पलाइन के जरिए दे पाएंगे. वर्तमान राज्य सरकार समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने में विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है. इस दिशा में प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 का समुचित उपयोग कर बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करना सुनिश्चित कर रही है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. मुख्यमंत्री ने पशु पालन विभाग को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि बेसहारा पशुओं से जुड़े खतरों को रोकने के लिए 1100-हेल्पलाइन में विशेष प्रणाली विकसित की जाए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खेती के प्रति किसानों का रुझान कम होने के साथ सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बेसहारा पशु भी हैं.

ऐसे पशुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने से इन दोनों समस्याओं का समाधान सुनिश्चित होगा और किसान खेतों की ओर रुख करेंगे, जिससे उनकी आर्थिकी में बढ़ोतरी होगी. 1100-हेल्पलाइन की नई पहल के अंतर्गत शिकायत दर्ज करने पर यह जानकारी विभाग के संबंधित खंड के पशु अधिकारियों के साथ साझा की जाएगी, जो बेसहारा पशुओं को आश्रय और चारे का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार होंगे. पशुपालन विभाग, वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर वर्तमान गोशाला और गो-अभयारण्यों के लिए चरागाह चिन्हित करेंगे. सुक्खू सरकार ने सर्वप्रथम विभिन्न आश्रय स्थलों में रहने वाले निराश्रित और बच्चों के कल्याण के लिए रोडमैप तैयार किया है और अब बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए भी प्राथमिकता प्रदान की जा रही है.

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