शिमला: हिमाचल प्रदेश में आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आते रहते हैं, एक्सपर्ट्स के मुताबिक मानसिक तनाव इसकी सबसे बड़ी वजह है. यानी हिमाचल प्रदेश के लोग मानसिक तनाव में जकड़ते जा रहे हैं. जिसके कारण आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं. एक्सपर्ट्स ने इसके पीछे की 3 वजह भी बताई हैं लेकिन पहले इससे जुड़े कुछ आंकड़े जानिये, जो डराने वाले हैं. क्योंकि खुदकुशी की ओर कदम बढ़ाने वालों में बच्चे भी शामिल हैं.
एक महीने में खुदकुशी की कोशिश के 33 मामले- शिमला के आईजीएमसी अस्पताल की इमरजेंसी में एक महीने में 33 आत्महत्या की कोशिश के मामले आए हैं. आईजीएमसी इमरजेंसी के सीएमओ डॉ. महेश कुमार के मुताबिक सभी मामलों में जहरीला पदार्थ खाया गया था. मार्च महीने में 19 पुरुष, 6 महिलाएं और 8 बच्चे जहरीला पदार्थ निगलने के बाद इमरजेंसी में लाए गए. जबकि अप्रैल महीने की 20 तारीख तक 9 पुरुष, 13 महिलाएं और 4 बच्चे पहुंचे. डॉक्टर्स के मुताबिक अधिकतर मामले आत्महत्या की कोशिश के हैं. हैरानी की बात ये है कि इसमें बच्चे भी शामिल हैं.
तीन प्रमुख कारण-लोगों में बढ़ती आत्महत्या या आत्महत्या की कोशिश की प्रवृति के पीछे एक्सपर्ट मुख्य रूप से 3 वजह बताते हैं. जिसके कारण कोई शख्स आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर होता है.
1) नशा- आइजीएमसी में मनोचिकित्सक विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जब आत्महत्या करता है तो उसके पीछे 3 कारण होते हैं. पहला कारण नशा है क्योंकि लोग नशे में आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं.