IGMC में पहली बार बिना चीर फाड़ के ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन. शिमला:आईजीएमसी में ब्रेन ट्यूमर का बिना चीर फाड़ के सफल ऑपरेशन हुआ है. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के न्यूरो सर्जन विभाग के चिकित्सकों ने पहली बार बिना चीर फाड़ के ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया है. आधुनिक एंडोस्कोपी तकनीकी का प्रयोग करते हुए चिकित्सकों ने मरीज के नाक के रास्ते ब्रेन से ट्यूमर को बाहर निकाला है. जबकि पहले ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन करने के लिए न्यूरो विभाग के चिकित्सकों को बड़ा ऑपरेशन करना पड़ता था. वहीं, पूरा सिर खोलकर दिमाग को अलग करना पड़ता था. लेकिन अब चिकित्सकों ने बिना चीर फाड़ किए और रक्त निकाले ब्रेन ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की है.
आईजीएमसी में यह सफल ऑपरेशन न्यूरो सर्जन विभाग के चिकित्सक (असिस्टेंट प्रोफेसर) डॉ. विपलो व डॉ. दिग्विजय सिंह ठाकुर ने किया है. अस्पताल में सफल ऑपरेशन के बाद न्यूरो सर्जन डॉ. विपलो व दिग्विजय ने बताया कि अस्पताल में पहली बार बिना चीर फाड़ के ब्रेन से एंडोस्कोपी तकनीक के माध्यम से नाक के जरिए मरीज के सिर से ब्रेन ट्यूमर को बाहर निकाला है. इस ऑपरेशन में न तो किसी प्रकार का खून बहा है और न ही कोई टांके सिर में लगे हैं. ऐसे में अब ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन बिना चीर फाड़ के संभव है.
मंडी के 64 वर्षीय व्यक्ति का हुआ ऑपरेशन: डॉ. विपलो ने बताया कि मंडी जिले से आए एक 64 वर्षीय मरीज का ये ऑपरेशन हुआ है. यह मरीज जनवरी माह के शुरूआत में उनके पास आय था, जिसमें मरीज के सिर में दर्द और कुछ और समस्याएं थी. जिसके बाद व्यक्ति के सिटी स्कैन से पता चला कि मरीज को ब्रेन ट्यूमर है. उन्होंने बताया कि इस सफल ऑपरेशन में ईएनटी विभाग ने भी अहम भूमिका निभाई. जिसमें आधुनिक एंडोस्कोपी तकनीकी से ट्यूमर को नाक के जरिए निकाला जा सका. उन्होंन बताया कि मरीज का ऑपरेशन 19 जनवरी को किया गया था और उसे शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है. जबकि पहले ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के बाद कई महिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता था.
हिमकेयर योजना के तहत फ्री हुआ ऑपरेशन:चिकित्सकों ने बताया कि सरकार की हिमकेयर योजना के तहत आईजीएमसी में मरीज का यह ऑपरेशन बिल्कुल फ्री हुआ है. इस ऑपरेशन में कोई भी पैसा मरीज के परिवार का नहीं लगा है. उन्होंने बताया कि हिमाचल में ब्रेन ट्यूमर के बहुत से मरीज हैं, लेकिन पहले आधुनिक तकनीक की कमी होने के चलते इन मरीजों को बाहरी राज्यों का रूख करना पड़ता था. लेकिन अब हिमाचल में भी आधुनिक तकनीक से ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन संभव है.
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