शिमला: प्रदेश के ऊंचाई बाले क्षेत्रों में दो दिन तक भारी बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के कारण कई सड़कें बंद रही. बर्फबारी के कारण सबसे अधिक परेशानियों का सामना स्कूली छात्रों को करना पड़ा. ठियोग में कई छात्र कई किलोमीटर का सफर तय कर गिरते पड़ते स्कूल में परीक्षा देने पहुंचे.
बता दें कि इन दिनों स्कूलों में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं की प्री बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं. शनिवार को 10वीं कक्षा की साइंस विषय की प्री बोर्ड परीक्षा थी. भारी ठंड के बीच छात्र कांपते हुए कई किलोमीटर पैदल सफर करते हुए परीक्षा देने के लिए स्कूल पहुंचे. भारी बर्फभारी के चलते अन्य कक्षाओं के लिए अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन 10वीं की साइंस विषय की परीक्षा को रद्द नहीं किया गया.
छात्रों का कहना है कि उन्होंने सुबह स्कूल प्रशासन से परीक्षा के संबंध में फोन के जरिए संपर्क कर पूछा था, लेकिन शिक्षा विभाग से पेपर रद्द न होने की कोई सूचना न मिलने पर अध्यपकों ने बच्चों को स्कूल आने के लिये कहा. इसके बाद बच्चे रास्ते पर गिरते-फिसलते और ठंड से ठिठुरते हुए घंटों पैदल चलने के बाद स्कूल पहुंचे.
वहीं, इस बारे में अध्यपको का कहना है कि भारी बर्फबारी के बाद भी उन्हें पेपर रद्द होने के बारे में विभाग की तरफ से कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला था. इसी कारण बच्चों की परीक्षा रद्द नहीं की गई.
वहीं, बच्चों के परिजनों ने कहा कि इन दिनों स्कूलों में परीक्षाओं का दौर चल रहा है और बर्फबारी में बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से खाली नहीं है. बच्चे फिसलन भरे रास्तों और जंगल से होकर गुजरने से डर रहे हैं. बर्फबारी के बाद ऊपरी इलाकों से जंगली जानवर निचले क्षेत्रों का रुख करते हैं. ऐसे में जंगली रास्तों से होकर गुजरना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन शिक्षा विभाग बच्चों की समस्या को जानते हुए भी आंखें मूंद कर बैठा है.