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SPECIAL: बच्चों को सताने लगी स्कूल की याद, स्कूल खुले तो आसान हो जाएगी पढ़ाई

छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से तो खुश हैं, लेकिन अब उन्हें कहीं ना कहीं स्कूल की कमी खलने लगी है. बच्चों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई को समझ पाना इतना आसान नहीं है. ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो उन्हें समझ नहीं आ पा रही.

students facing problems in online learning
बच्चों को सताने लगी स्कूल की याद

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Published : Apr 21, 2020, 7:14 PM IST

शिमला: प्रदेश में फरवरी महीने से ही स्कूल बंद हैं. परीक्षाओं के बाद स्कूल खुलने थे, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए स्कूलों को नहीं खोला गया है. छात्रों की पढ़ाई पर इसका बुरा असर पड़ रहा था, लेकिन बच्चों की पढ़ाई घर से ही शुरू कर दी गई है और जब से पढ़ाई शुरू की गई है तब से ही जिला शिमला में स्टेशनरी की दुकानें भी खोली जा रही है.

बच्चे अपनी जरूरत की चीजें लेने के लिए और किताबें लेने के लिए स्टेशनरी की दुकानों पर पहुंच रहे हैं. किसी ना किसी किताब की जरूरत बच्चों को अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए पड़ रही है. वहीं, दूसरी तरफ छात्र ऑनलाइन पढ़ाई से तो खुश हैं, लेकिन अब उन्हें कहीं ना कहीं स्कूल की कमी खलने लगी है.

बच्चों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई को समझ पाना इतना आसान नहीं है. बहुत ही चीजें हैं जो समझ नहीं आ पा रही. ऐसे में अगर स्कूल खुल जाते और उनकी पढ़ाई स्कूल की कक्षाओं में होती, तो उन्हें ज्यादा अच्छे से चीजें समझ आती. हालांकि वह मान रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

बच्चों का कहना है कि ऑनलाइन स्टडी एक जरिया है जिसके माध्यम से वह अपना रिटन मेटेरियल तो कवर कर लेंगे, लेकिन जब स्कूल दोबारा खुलेंगे तो वही सिलेबस उन्हें दोबारा से पढ़ना होगा. जिससे कि उन्हें अच्छे से चीजें समझ में आ सके. हालांकि शिक्षक इस दौरान बच्चों का पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और किसी भी तरह से प्रश्न या सिलेबस एक्सप्लेन कर रहे हैं.

हैरानी की बात यह भी है कि स्कूल कब खुलेंगे इस बात को लेकर सरकार भी कुछ कह नहीं पा रही है. सरकार का मानना है कि स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना सबसे मुश्किल काम है और ऐसे में जब तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती तब तक स्कूलों का खुल पाना मुश्किल है.

ऐसे में यही एक तरीका बचाता है कि बच्चों के घरों पर ही उनकी कक्षाएं लगाई जाए और जितना अधिक हो सके उन्हें घरों पर रहकर ही सुरक्षित तरीके से कोरोना से बचाकर पढ़ाया जाए.

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