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सरकारी कॉलेजों में स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा खत्म होने से छात्रों में निराशा, ये की मांग

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा खत्म करने के बाद छात्रों में निराशा है. छात्रों का कहना है कि हर विद्यार्थी पढ़ाई में अव्वल नहीं होता. जिन विद्यार्थियों की रूचि सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में होती है, उनके लिए भी महाविद्यालयों में जगह होना आवश्यक है.

शिमला
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Published : Jul 26, 2021, 5:55 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सरकारी कॉलेजों (government colleges) में स्पोर्ट्स और कल्चरल (Sports and Culturel) कोटा खत्म कर दिया गया है. हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से जारी नए रोस्टर (roster) में स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटे का जिक्र नहीं है. ऐसे में खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने वाले विद्यार्थी निराश हैं.

प्रदेश सरकार ने प्रवेश के लिए लागू किए 200 प्वाइंट रोस्टर में आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग छात्रों (students with disabilities) के लिए 10 और 5 फीसदी आरक्षण देने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन इसमें स्पोर्ट्स और कल्चरल गतिविधियों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों के लिए आरक्षण नहीं रखा गया है.

इससे पहले 120 प्वाइंट रोस्टर में स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा पांच-पांच फीसदी होता था. इस बारे में विद्यार्थियों का कहना है कि सरकार की ओर से जारी रोस्टर विद्यार्थियों को निराश करने वाला है. हर विद्यार्थी पढ़ाई में अव्वल नहीं होता. जिन विद्यार्थियों की रूचि सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में होती, उनके लिए भी महाविद्यालयों (colleges) में जगह होना आवश्यक है. इससे न केवल उन विद्यार्थियों का विकास होता है, बल्कि महाविद्यालय का भी खेल में नाम अग्रणी होता है.

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इस बारे में हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ (Himachal Pradesh Government College Professors Association) ने हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशक को स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा बहाल करने की मांग की है. संघ की ओर से सौंपे गए पत्र में विभाग से विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए कोटा बहाल करने की मांग रखी गई है. वहीं, इस बारे में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा (Director of Higher Education Dr. Amarjeet Kumar Sharma) का कहना है कि इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है. इस मसले को सरकार के समक्ष रखा जाएगा.

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