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पूरी फीस वसूलने पर छात्र अभिभावक मंच का प्रदर्शन, शिक्षा निदेशालय के बाहर दिया धरना

निजी स्कूलों को पूरी फीस लेने के फैसले के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने अपना मोर्चा खोल दिया है. मंच का आरोप है कि सरकार ने अभिभावकों की परवाह किए बिना ही निजी स्कूलों को लाभ देने के लिए इस तरह का फैसला लिया है. छात्र अभिभावक मंच के सदस्य विवेक कश्यप ने कहा कि कोविड 19 की वजह से बहुत से अभिभावकों की नौकरियां जा चुकी है और लोग आर्थिक तंगी से जूझ में हैं. ऐसे में अभिभावकों के लिए पूरी फीस देना आसान नहीं है.

छात्र अभिभावक मंच
छात्र अभिभावक मंच

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Published : Nov 9, 2020, 3:46 PM IST

शिमला: निजी स्कूलों की ओर से पूरी फीस लेने के फैसले के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने अपना मोर्चा खोल दिया है. मंच सरकार के फैसले का विरोध कर रहा है. छात्र अभिभावक मंच के सदस्यों ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की गई. मंच का आरोप है कि सरकार ने अभिभावकों की परवाह किए बिना ही निजी स्कूलों को लाभ देने के लिए इस तरह का फैसला लिया है.

निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की फीस पिछले 3 महीने से जमा नहीं हुई है और स्कूल फीस वसूलने की तैयारी कर रहे हैं और अभिभावकों को लगातार स्कूल की तरफ फीस जमा करवाने के लिए एसएमएस भेज रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

छात्र अभिभावक मंच के सदस्य विवेक कश्यप ने कहा कि कोविड 19 की वजह से बहुत से अभिभावकों की नौकरियां जा चुकी हैं और लोग आर्थिक तंगी से जूझ में हैं.ऐसे में अभिभावकों के लिए पूरी फीस देना आसान नहीं है, लेकिन न्यायालय ने निजी स्कूलों के हित में फैसला लिया और अभिभावकों की परेशानी को बढ़ा दिया है. स्कूलों की ओर से अभिभावकों को डराया और धमकाया जा रहा है. उन्हें पूरी फीस जमा करवाने के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें कहा जा रहा है कि अगर उन्होंने पूरी फीस जमा नहीं करवाई तो उनके बच्चों को परीक्षाओं में नहीं बैठने दिया जाएगा.

छात्र अभिभावक मंच ने उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और प्रदेश सरकार पर कार्रवाई करें. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार न्यायालय के निर्णय की गलत व्याख्या कर रही है और निजी स्कूलों को संरक्षण दे रही है. सरकार ने मई महीने में जारी की गई अधिसूचना में जानबूझकर अस्पष्टता दिखाई, जिससे वक्त आने पर निजी स्कूलों को लूट की खुली इजाजत दी जा सके.

विवेक कश्यप ने कहा कि 1 दिन भी स्कूल नहीं खुले हैं और छात्र 1 दिन भी स्कूल नहीं गए हैं. निजी स्कूलों को पूरी फीस वसूलने के फैसले का सीधा असर अभिभावकों पर डाला जा रहा है. सरकार अभिभावकों के हित में फैसले लेने के लिए सालों लगा देती है, लेकिन निजी स्कूलों के हित में सरकार ने फैसला लेने में कोई देरी नहीं की है. छात्र अभिभावक मंच ने सरकार को चेताया है कि अगर सरकार अपने इस फैसले को वापस लेकर अभिभावकों को राहत नहीं देती है तो छात्र अभिभावक मंच को मजबूरन अपने आंदोलन को उग्र रूप देना होगा.

छात्र अभिभावक मंच के सदस्य ने कहा कि यह आंदोलन तब तक नहीं थमेगा जब तक कि सरकार अभिभावकों के हित में फैसला नहीं लेती है और अभिभावकों की स्थिति को समझते हुए उन्हें राहत प्रदान नहीं करती है.

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