शिमलाःराजधानी में छात्र अभिभावक मंच (Student Parent Forum) ने प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों की भारी-भरकम फीस और मनमानी लूट पर रोक लगाने के लिए वर्तमान मानसून विधानसभा सत्र में ही रेगुलेटरी कमीशन बिल (regulatory commission bill) लाने की मांग की है. मंच ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर इस सत्र में प्रदेश सरकार ने फीस नियमन संबंधी बिल नहीं लाया, तो अभिभावक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि लंबे समय से ही निजी स्कूलों की लूट लगातार जारी है. कोरोना काल में यह लूट और अधिक बढ़ गई. उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में निजी स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल चार्ज, कंप्यूटर फीस, स्मार्ट क्लासरूम, मिसलेनियस, स्पोर्ट्स, मेंटेनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर व बिल्डिंग फंड और अन्य सभी प्रकार के फंड वसूले. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों ने बड़ी चतुराई से साल 2021 में कुल फीस के 80 फीसदी से ज्यादा हिस्से को ट्यूशन फीस में शामिल कर लूट को बदस्तूर जारी रखा. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कोरोना काल में तमाम विद्यार्थियों के अभिभावकों का रोजगार तक चला गया, लेकिन बावजूद इसके इन्हें राहत की जगह आफत देने का काम किया गया.
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने पर निजी स्कूलों की ओर से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट देने की एवज में 15 से 25 हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं. संयोजक विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार पर निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहले तो सरकार ने कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए 3 साल का समय लगाया. मानसून सत्र से पहले अभिभावकों के सुझाव भी मांगे गए, लेकिन अब जानबूझकर फीस नियमन संबंधी बिल नहीं लाया जा रहा. छात्र अभिभावक मंच ने सरकार से मांग की है कि इसी सत्र में फीस नियमन संबंधी बिल लाया जाए अन्यथा अभिभावक सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
छात्र अभिभावक मंच की दो टूक- मानसून सत्र में सरकार लाए फीस रेगुलेटरी बिल, वरना आंदोलन के लिए रहें तैयार - student parent forum demand to jairam govt
छात्र अभिभावक मंच ने सरकार से रेगुलेटरी कमीशन बिल लाने की मांग की है. छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने पर निजी स्कूलों की ओर से स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट देने की एवज में 15 से 25 हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं.
छात्र अभिभावक मंच