रोहड़ू :देश को आजाद कराने में स्वतंत्रता सेनानियों की अहम भूमिका रही है. खनोला गांव के स्वतंत्रता सेनानी ज्ञान सिंह जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ हुए विद्रोह में शामिल होकर अहम किरदार निभाया था. स्वतंत्रता सेनानी ज्ञान सिंह को भारत छोड़ा आंदोलन की सालगिरह पर कुछ दिन पहले सम्मानित किया गया था. उन्हें राष्टपति की तरफ से शॉल और अंगवस्त्र सहित शुभकामना संदेश भेजा गया. इसके बाद अधिकारियों ने घर जाकर उन्हें सम्मानित किया. उन्हें यह सम्मान एसडीएम बीआर शर्मा ने भेंट किया.
1944 में इंडियन रॉयल नेवी में भर्ती हुए
शिमला जिले के खनोला गांव में वर्ष 1928 में ज्ञान सिंह का जन्म हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा गांव में हुई. इसके बाद रामपुर में रहकर उन्होंने शिक्षा हासिल की. वर्ष 1944 में वह इंडियन रॉयल नेवी में भर्ती हुए. 92 साल के हो जाने के बाद आज भी ज्ञान सिंह स्वस्थ हैं. उनको गुजरे जमाने की सारी बातें याद हैं. रोज घुमना और बिना चश्मे के अखबार पढ़कर देश-दुनिया का हाल जानना उनकी दिनचर्या में शामिल है. लोगों की मानें तो वे ज्ञान सिंह से मिलकर उर्जा महसूस करते हैं.