शिमला: राजधानी में पर्यटक आएं और यहां स्थित जाखू मंदिर न जाएं तो उनका शिमला ट्रिप अधूरा रहता है. जाखू मंदिर में विराजे वीर हनुमान के चमत्कारों की मान्यता न सिर्फ प्रदेश बल्कि बाहरी राज्यों के में भी है. यही वजह है कि इस मंदिर में लोगों की आस्था और श्रद्धा इतनी है कि सीजन के समय मंदिर में रोजाना 5 हजार के करीब श्रद्धालू पहुंचते हैं.
मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. बाहरी राज्यों से पर्यटक इस मंदिर में पहुंचकर शीश नवा रहे हैं. राजधानी की ऊंची चोटी पर स्थित इस मंदिर को राजधानी के धर्मिक पर्यटक स्थल के रूप में पहचान मिली है. यहां पहुंचकर पर्यटक जहां मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, यहां से शिमला की प्राकृतिक सौंदर्य का भी लुत्फ उठाते हैं.
क्या है मंदिर का इतिहास?
मान्यता है कि मंदिर में साक्षात हनुमान जी का वास है और सच्चे दिल से यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है, वो जरूर पूरी होती है. मंदिर के इतिहास की बात करें तो यहां के पुजारी रामलाल शर्मा बताते हैं कि शिमला के जाखू की पहाड़ियों की यह चोटी बजरंगबली के स्पर्श से पवित्र हुई है. जब रामायण काल में रावण के साथ युद्ध में लक्ष्मण जी बाण लगने से मूर्छित ही गए थे, तो भगवान राम के परम भक्त वीर हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणगिरि पर्वत की ओर जा रहे थे. इस दौरान हनुमान जाखू पर्वत पर रुके थे. हनुमान जी ने इस पर्वत पर तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि से रास्ता पूछा और संजीवनी बूटी के बारे में जानकारी ली .