शिमला:हिमाचल प्रदेश में पथरी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. पथरी के मरीजों में हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में पथरी के मामले ज्यादा देखे गए हैं. इसका मुख्य कारण लोगों के खानपान में हो रहा बदलाव है. आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग में विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार हिमाचल में हर माह 300 के करीब पथरी के ऑपरेशन होते हैं.
हिमाचल में बढ़ता पथरी का खतरा: डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग की यूनिट चार में ही एक माह में करीब 110 पथरी के ऑपरेशन होते हैं. यहां रोजाना 70 के करीब ओपीडी होती है. इनमें ज्यादातर मरीज पेट में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं, लेकिन बाद में उनमें पथरी की समस्या निकलती है. डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि पथरी दो तरह की होती है, गुर्दा और गॉल ब्लैडर. इन दोनों में पथरी के होने के कारण भी अलग-अलग हैं. डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार हर उम्र के लोगों को पथरी हो रही है. ये पथरी किसी भी आकार की हो सकती है.
सबसे ज्यादा महिलाएं ग्रसित: डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा पथरी की शिकार महिलाएं हो रही हैं. महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या ज्यादा हो रही है. इसका मुख्य कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है. इससे लिवर में पित्त गाढ़ा हो जाता है. एसिड की कमी या कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने से भी यह पथरी का रूप धारण कर लेता है.
बच्चे भी हो रहे शिकार: डॉ. संजीव के गुप्ता ने बताया कि इन दिनों बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी पथरी हो रही है. बच्चों को भी दोनों ही प्रकार की पथरी हो रही है. डॉ संजीव गुप्ता ने कहा कि बच्चों में ह्यूमैनिटीज एनीमिया होता है, जिससे पिगमेंट स्टोन बनते हैं. यह काले रंग के होते हैं.
सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान और हिम केयर योजना के मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है. इससे मरीजों को काफी फायदा हो रहा है. अस्पताल में लेजर और चीर-फाड़ दोनों ही तरीको से मरीज का इलाज संभव है.