सुजानपुर: राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि कोरोना महामारी व मंहगाई से जूझ रहे युवाओं के रोजगार को लेकर सरकार गंभीरता से प्रभावी कदम उठाए. राणा ने कहा कि सत्ता के बड़े स्थानों पर बैठकर बयानबाजी करना अलग बात है, लेकिन यथार्थ के धरातल पर जूझ रहे शिक्षित बेरोजगारों की समस्या का समाधान करना दूसरी बात है.
राणा ने कहा कि शिक्षित बेरोजगारों के सब्र का और इम्तिहान ना लें और रोजगार की आस में हताश-निराश हो चुके 10 हजार पीटीए व पैरा टीचर को तुरंत रेगुलर करे. देश का सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीट कोर्ट करीब तीन महीने पहले इन टीचरों को रेगुलर करने की मंजूरी दे चुका है. बावजूद इसके सरकार ने न सुप्रीम कोर्ट की हिदायत को गंभीरता से लिया है और न ही इन टीचरों की समस्या को लेकर सरकार गंभीर है.
कैबिनेट में फैसला लेने के बावजूद सरकार इन टीचरों को रेगुलर करने की नोटिफिकेशन को लगातार लटका रही है, जोकि ना तो तर्क संगत है और ना ही न्याय संगत है. 17 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे इन 10 हजार टीचरों की पीड़ा को सरकार समझे व तत्काल प्रभाव से इन्हें रेगुलर करे.
इसी कड़ी में सुजानपुर सैनिक स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर लगाए 16 कर्मचारियों को घर भेजने का फैसला भी सरासर गलत है. कोरोना के संकट के चलते अगर सैनिक स्कूल प्रशासन इन्हें राहत नहीं दे सकता है, तो कम से कम आफत में तो ना डालें.
राणा ने सैनिक स्कूल प्रशासन से आग्रह किया है कि इन कर्मचारियों की सेवाओं को हालात सामान्य होने तक कॉन्ट्रैक्ट पर ही जारी रखा जाए. राणा ने महामारी और महंगाई से जूझ रहे कर्मचारियों की पैरवी करते हुए कहा है कि एचआरटीसी कर्मचारियों को सेवाओं के बावजूद भी पगार नहीं मिल पा रही है.