हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

'कर्मचारियों को नहीं मिल रही पगार, सरकार कह रही है प्रदेश के लिए है उदार' - himachal government

विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि कोरोना महामारी व मंहगाई से जूझ रहे युवाओं के रोजगार को लेकर सरकार गंभीरता से प्रभावी कदम उठाए. राणा ने कहा कि शिक्षित बेरोजगारों के सब्र का और इम्तिहान ना लें और रोजगार की आस में हताश-निराश हो चुके 10 हजार पीटीए व पैरा टीचर को तुरंत रेगुलर करे.

विधायक राजेंद्र राणा
विधायक राजेंद्र राणा

By

Published : Jul 13, 2020, 7:56 PM IST

सुजानपुर: राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि कोरोना महामारी व मंहगाई से जूझ रहे युवाओं के रोजगार को लेकर सरकार गंभीरता से प्रभावी कदम उठाए. राणा ने कहा कि सत्ता के बड़े स्थानों पर बैठकर बयानबाजी करना अलग बात है, लेकिन यथार्थ के धरातल पर जूझ रहे शिक्षित बेरोजगारों की समस्या का समाधान करना दूसरी बात है.

राणा ने कहा कि शिक्षित बेरोजगारों के सब्र का और इम्तिहान ना लें और रोजगार की आस में हताश-निराश हो चुके 10 हजार पीटीए व पैरा टीचर को तुरंत रेगुलर करे. देश का सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीट कोर्ट करीब तीन महीने पहले इन टीचरों को रेगुलर करने की मंजूरी दे चुका है. बावजूद इसके सरकार ने न सुप्रीम कोर्ट की हिदायत को गंभीरता से लिया है और न ही इन टीचरों की समस्या को लेकर सरकार गंभीर है.

कैबिनेट में फैसला लेने के बावजूद सरकार इन टीचरों को रेगुलर करने की नोटिफिकेशन को लगातार लटका रही है, जोकि ना तो तर्क संगत है और ना ही न्याय संगत है. 17 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे इन 10 हजार टीचरों की पीड़ा को सरकार समझे व तत्काल प्रभाव से इन्हें रेगुलर करे.

इसी कड़ी में सुजानपुर सैनिक स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर लगाए 16 कर्मचारियों को घर भेजने का फैसला भी सरासर गलत है. कोरोना के संकट के चलते अगर सैनिक स्कूल प्रशासन इन्हें राहत नहीं दे सकता है, तो कम से कम आफत में तो ना डालें.

राणा ने सैनिक स्कूल प्रशासन से आग्रह किया है कि इन कर्मचारियों की सेवाओं को हालात सामान्य होने तक कॉन्ट्रैक्ट पर ही जारी रखा जाए. राणा ने महामारी और महंगाई से जूझ रहे कर्मचारियों की पैरवी करते हुए कहा है कि एचआरटीसी कर्मचारियों को सेवाओं के बावजूद भी पगार नहीं मिल पा रही है.

परिवहन निगम ने 11 जुलाई तक वेतन देने की डेडलाइन रखी थी, लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है. मौजूदा दौर में 10 हजार कर्मचारी जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुए निगम को सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें समय पर पगार नहीं दे रही है.

राणा ने कहा कि एचआरटीसी की मानें तो इस समय करीब 1200 रूटों पर परिवहन निगम सेवाएं प्रदान कर रहा है. निरंतर बढ़ रही ऑक्यूपेंसी के बावजूद निगम कर्मचारियों व पेंशनरधारियों को न तो वेतन दे पा रहा है और न ही पेंशन दी जा रही है.

राणा ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि एक ओर सरकार केंद्र से उदार राहत की डींगें हांक रही हैं, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों, पेंशनधारियों को वेतन व पेंशन के लाले पड़े हुए हैं. कहीं प्रदेश सरकार केंद्र की तर्ज पर राहत के नाम पर झूठ बोलकर जनता से छल तो नहीं कर रही है, क्योंकि सरकार के वक्तव्य व वास्तविक स्थिति विरोधाभासी है.

अगर केंद्र प्रदेश को उदार राहत दे रहा है तो कर्मचारियों को वेतन भत्तों के लाले क्यों हैं और अगर सरकार राहत के नाम पर झूठ बोल रही है, तो सरकार की मंशा क्या है. राणा ने कहा कि कर्मचारियों के हितों से छल हरगिज सहन नहीं होगा. सरकार या तो समय से वेतन दे या फिर अपनी स्थिति को जनता के बीच सपष्ट करें.

पढ़ें:इस पौधे पर एक साथ लगते हैं 'प्याज' और मसाले, बीमारियों से भी रखता है दूर

ABOUT THE AUTHOR

...view details