शिमला: किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुमार चाहर ने कहा कि यदि किसी राज्य सरकार को लगता है कि इन विधेयकों से किसानों को लाभ नहीं होगा तो वह पुराने ढर्रे पर ही चल सकते हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जब इन विधायकों पर 18 महीने का स्टे लगा दिया गया है तो ऐसे में विरोध प्रदर्शन करना सही नहीं रहेगा.
'राजनैतिक कारणों से अलग हुए बादल'
बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब तीन कृषि कानूनों का ऑर्डिनेंस आया था. तो उस वक्त अकाली दल साथ में था. प्रकाश सिंह बादल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय एक बयान देते हुए कहा था कि अकाली दल और बीजेपी का रिश्ता नाखून और मांस जैसा है. तीन कृषि विधेयकों का उन्होंने खुद प्रसन्नता व्यक्त करते हुए समर्थन किया था लेकिन बाद में राजनैतिक कारणों से वह अलग हो गए. भारतीय जनता पार्टी कभी किसी को साथ लेकर छोड़ने का काम नहीं करती.
'प्रदर्शन करने का सवाल ही नहीं उठता'
राज कुमार चाहर ने कहा कि यह तीनों किसान विधेयक किसानों को लाभ देने वाले हैं. इसके अलावा जब 18 महीनों के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इन पर स्टे कर दिया गया है तो फिर विरोध प्रदर्शन करने का सवाल ही खड़ा नहीं होता. किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कृषि विधेयक वैकल्पिक हैं. यह किसी पर थोपे नहीं गए हैं. अगर आपको लगता है कि किसान इन तीनों कृषि विधेयकों से लाभ ले सकते हैं तो वह लाभ लें और यदि लगता है कि पुराने ढर्रे पर चल कर किसानों का भला हो सकता है तो उसी ढर्रे पर चलते रहें. मोदी सरकार ने किसानों को विकल्प देने का कार्य किया है. इन विधेयकों को किसान की जीवन में बदलाव लाने के लिए लाया गया है.