शिमलाः हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) व निजी बस ऑपरेटर्स पर बकाया स्टेट रोड टैक्स अगर सरकार वसूल कर पाए तो खजाने को सांस मिल सकती है. एचआरटीसी पर 220 करोड़ और निजी बस ऑपरेटर्स पर 9 करोड़ रुपए से अधिक स्टेट रोड टैक्स यानी एसआरटी बकाया है. एचआरटीसी के 29 डिपो सहित 641 निजी बस ऑपरेटर्स डिफाल्टर्स हैं.
ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सामने आई. देहरा के विधायक होशियार सिंह ने स्टेट रोड टैक्स के डिफाल्टर्स की जानकारी चाही थी. जवाब में परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान डिफाल्टर्स से रिकवरी में देरी हुई. अब इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.
प्रश्नकाल के दौरान सामने आई जानकारी के अनुसार एचआरटीसी के 27 परिवहन डिपुओं पर 220 करोड़ 64 लाख रुपए एसआरटी व टोकन टैक्स बकाया है. इसी तरह 641 निजी बस ऑपरेटरों ने 9 करोड़ का टैक्स चुकाना है.
परिवहन मंत्री ने बताया कि बकाया टैक्स की रिकवरी की जाएगी. डिफाल्टर्स को नोटिस दिए गए हैं. देहरा के विधायक होशियार सिंह ने जानना चाहा था कि क्या सरकार समयबद्ध तरीके से टैक्स की रिवकरी करेगी. मंत्री का कहना था कि कोरोना काल में टैक्स की रिकवरी नहीं हो पाई. कोरोना के दौरान बसों में सवारियां कम ही सफर कर रही थीं. अब संकट काफी हद तक दूर हो गया है और एसआरटी की रिकवरी के लिए अभियान चलाया जाएगा. निजी बस ऑपरेटर्स की डिफाल्टर्स लिस्ट में सोलन के 43, बद्दी के 12, हमीरपुर के 7, ऊना के 27, कुल्लू के 12, चंबा के 54, बिलासपुर के 38, सिरमौर के 41, कांगड़ा के 175, शिमला के 71, किन्नौर के 18 और मंडी के 153 ऑपरेटर्स शामिल हैं. इनसे 9 करोड़ से अधिक टैक्स लिया जाना है.