शिमला: जिला स्तरीय सराहन दशहरा मेले के दूसरे दिन देवलुओं और ग्रामीणों ने देवी-देवताओं के साथ खूब नाटी डाली. सभी देवी-देवता भीमाकाली मंदिर परिसर से राज दरबार तक नाचते गाते हुए गए. वहीं इस मौके पर भीमाकाली मंदिर न्यास के उपाध्यक्ष एवं एसडीएम नरेंद्र चौहान भी मौजूद रहे.
यहां पहुंचने के बाद देवता, देवलुओं सहित स्थानीय लोगों ने वाद्ययंत्रों की धुनों पर नाटी डाली. कुल्लू से आए देवलुओं ने अपने पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर दिनभर नाटी पेश करके वाहवाही लूटी.
वहीं दूसरी ओर किन्नौर से आए देवलुओं ने भी अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नाटी डाल कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं. दशहरा मेले की नाटी में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने रंग जमाया. मेले में लोगों ने खाने पीने और अन्य चीजों की खरीददारी की.
ऐतिहासिक दशहरा मेले में मां भीमाकाली के साथ14 देवी-देवताओं शामिल हुए हैं. मेले में महिलाएं एक दूसरे को मोड़ी बांट कर अपनी पुरानी परंपरा को निभाते हुए नजर आई. पुराने समय में महिलाएं धान के चिड़वे, चावल की मोड़ी और गेहूं की मोड़ी अपने रिश्तेदारों और परिचितों को मेले के दौरान खिलाती थीं.
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