शिमला: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश सरकार ने सभी पाबंदियां 10 मई तक बढ़ा दी हैं. अब सभी शिक्षण संस्थान 10 मई तक बंद रहेंगे. इसके साथ ही शादियों और अन्य अनिवार्य कार्यक्रमों में अधिकतम 20 लोग ही भाग ले सकेंगे.
जयराम सरकार ने राज्य में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के देखते हुए वैवाहिक और अन्य सभी प्रकार के आयोजनों में सामुदायिक भोज (धाम) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया.
कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि चिंता का विषय है. प्रदेश सरकार इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और सरकार ने कई कठोर निर्णय भी लिए हैं. सरकार ने विवाह और अन्य सामाजिक आयोजनों में केवल 20 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थान और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर भी 10 मई तक बंद रहेंगे. सभी सरकारी कार्यालय में पांच कार्य दिवस होंगे और 10 मई तक कार्यालयों में श्रेणी तीन व चार की 50 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जानी चाहिए.
इन जिलों में बढ़ाए जा रहे हैं बेड
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ज्यादा कोविड प्रभावित जिलों जैसे कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, ऊना और सिरमौर के अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. प्रदेश में कोविड के सैम्पल लेने के कार्य में तेजी लाई जाएगी और रिपोर्ट भी कम समय में उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों पर निगरानी रखने के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित किया जाएगा. देश के अन्य राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों को 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा और इन्हें अपने आने की सूचना स्थानीय प्रशासन और पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों से साझा करनी होगी.
इन्हें दी गई ये जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण अभियान में और तेजी लाई जाएगी. अभी तक 16,65,481 लोगों को कोविड की खुराक दी गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के मामलों पर निगरानी के लिए चार कमेटियों का गठन किया गया है. लाॅजिस्टिक कमेटी में राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक अरिंदम चैधरी को संयोजक सदस्य नियुक्त किया गया है. यह कमेटी ऑक्सीजन की उपलब्धता, ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के ऑर्डर की समयबद्ध उपलब्धता, जिले में मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति और अतिरिक्त बिस्तरों की क्षमता उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी निभाएगी.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एसएसओ डाॅ. राजेश ठाकुर के नेतृत्व में कोविड-19 मरीज/एम्बुलेंस प्रबंधन कमेटी जिला स्तर पर मरीजों को संबंधित अस्पतालों में पहुंचाना सुनिश्चित करेगी. काॅर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) समन्वय कमेटी में शहरी विकास निदेशक आबिद हुसैन औद्योगिक घरानों से कोविड-19 एसडीआरएफ फंड के लिए सभी संभावित दानकर्ताओं से अंशदान दिलाने का प्रयास करेंगे. मीडिया/आइईसी कमेटी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल नियमित रूप से समय-समय पर मीडिया को जानकारी उपलब्ध करवाएंगे.
सीएम जयराम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की ये मांग
जयराम ठाकुर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से 5000 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर और 3000 बी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान करने का आग्रह किया ताकि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी न हो.
बता दें कि कोरोना को लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं. प्रदेश में कोविड मरीजों को सुविधा प्रदान करने के लिए 123 एम्बुलेंस, सेवाएं दे रही हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिन्दल ने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवाओं की 47 एम्बुलेंस पहले से ही अपनी सेवाएं उपलब्ध करवा रही हैं.
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