शिमला:हर साल 19 अगस्त को पूरी दुनिया में 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' मनाया जाता है. फोटो आपको दुनियाभर की चीजों को आसानी से समझने में न सिर्फ मदद करती है, बल्कि विज्युअल्स के सहारे किसी कहानी या फिर खबर को पढ़ने में मजेदार भी बनाती है. एक समय था जब लोगों के पास कैमरा तक नहीं होता था, लेकिन आज लगभग हर इंसान के पास या तो कैमरा है या फिर कैमरे वाला मोबाइल फोन, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच कर उन्हें सहेज कर रख सकते हैं.
वर्ल्ड फोटोग्राफी डे इस पेशे से जुड़े लोगों ओर फोटोग्राफर्स के लिए बेहद खास दिन है, लेकिन इस खास दिन पर उनमें मायूसी देखने को मिल रही है. शिमला में पर्यटकों की तस्वीरें खींचने वाले फोटोग्राफर्स का कोरोना महामारी की वजह से काम काज ठप पड़ा हुआ है, जिससे इन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.
अनलॉक-3 के शुरू होते ही फोटोग्राफर्स में एक आस जगी थी कि शायद अब उनका काम-काज पटरी पर लौट आएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जिन आकर्षक पहाड़ी परिधानों में शिमला के रिज मैदान पर फोटोग्राफर्स फोटोज खींचते हैं उसकी अनुमति अभी तक सरकार ने दी ही नहीं है. ऐसे में इन फोटोग्राफर्स को अपना भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है.
फोटोग्राफर्स की माने तो कोविड से पहले भी काम ज्यादा अच्छा नहीं था, क्योंकि आज हर इंसान के पास कैमरे वाला मोबाइल फोन है, वह अपनी सहूलियत के मुताबिक जब चाहे फोटो खींच सकते हैं, लेकिन कोविड के बाद परिस्तिथियां ओर ज्यादा बुरी हो गई है.