शिमला: छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने वाले वीरभद्र सिंह इन दिनों स्वास्थ्य के मोर्चे पर कठिन समय से जूझ रहे हैं. स्वभाव से संघर्षशील वीरभद्र सिंह को हिमाचल में राजनीति के राजा के नाम से भी जाना जाता है. दूसरी बार कोरोना पॉजिटिव होने के कारण वे आईजीएमसी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.
उनकी सेहत को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक खबरें आई तो पूरे प्रदेश में उनके समर्थक क्षुब्ध हो उठे. वीरभद्र सिंह के व्यक्तित्व की खासियत है कि वे पक्ष और विपक्ष यानी समर्थकों और विरोधियों के बीच समान रूप से लोकप्रिय हैं. यही कारण है कि अस्पताल में उपचाराधीन वीरभद्र सिंह की कुशलता के लिए सभी एक स्वर में प्रार्थना कर रहे हैं.
वीरभद्र के बिना अधूरी है हिमाचल की राजनीति
हिमाचल की राजनीति की चर्चा वीरभद्र सिंह के बिना अधूरी है. कहा जाता है कि प्रदेश की नींव हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार ने रखी और उस पर वीरभद्र सिंह ने विकास का मजबूत ढांचा खड़ा किया है. छह बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालना अपने आप में बड़ी बात है. यही नहीं, वीरभद्र सिंह ने केंद्र में भी महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता के केंद्र में हिमाचल और यहां की जनता की भलाई ही रही है.
इसी वजह से वे केंद्र में जाने के बाद भी हिमाचल की तरफ ही लौटते रहे. लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रेरणा से राजनीति में आए वीरभद्र सिंह ने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव के साथ काम किया है. अटल बिहारी वाजपेयी से भी उनके अच्छे संबंध रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान पर शिमला में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वीरभद्र सिंह प्रमुखता के साथ शामिल हुए थे.
क्यों लोकप्रिय हैं वीरभद्र सिंह
आखिर ऐसा क्या है कि वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश की जनता और यहां के राजनीतिक गलियारों में इतने लोकप्रिय हैं? इसके पीछे कई कारण हैं. वीरभद्र सिंह एक कुशल प्रशासक के तौर पर तो जाने ही जाते हैं, उनका प्रदेश के विकास को लेकर भी स्पष्ट विजन रहा है. हिमाचल प्रदेश में इस समय स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो आधारभूत ढांचा है, उसके पीछे वीरभद्र सिंह का ही विजन है.
आईजीएमसी अस्पताल में सुपर स्पेशिएलिटी डिपार्टमेंट्स शुरू करवाने में वीरभद्र सिंह का योगदान है. यहां ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा इनके ही कार्यकाल में आरंभ हुई है. तब वीरभद्र सिंह के प्रयासों से ही एम्स की टीम ने वर्ष 2005 में यहां आकर शुरुआती ऑपरेशन किए थे. इसी तरह प्रदेश के दूर-दराज इलाकों के विकास के लिए भी वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों ने काफी उल्लेखनीय कार्य किया है.