शिमला: सामरिक मोर्चे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अहम पहल की है. मनाली से लेह के बीच चार सुरंगें बनाने की तैयारी है. इससे लेह और करगिल के बीच दूरी कम होगी. सेना के लिए पहले ही अटल टनल वरदान की तरह है. इससे लेह तक का मार्ग सारे साल के लिए खुल गया है. अब मनाली से लेह के बीच चार सुरंगें बनने से सामरिक मोर्चे पर और राहत मिलेगी.
शिकुंला दर्रे के पास दो सुरंगों का प्रस्ताव था. उसमें से एक सुरंग 12 किलोमीटर लंबी है. साथ ही एक सुरंग सवा चार किलोमीटर लंबी प्रस्तावित है. केंद्र सरकार इसके अलावा बारालाचा दर्रे और तांगलंग दर्रे में भी सुरंग बनाईएगी. उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से चीन के साथ भारत का तनाव चल रहा है. सीमावर्ती इलाकों में चीन अपने क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रहा है. सीमा पर किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार संजीदा है. चीन की सीमा से सटे लेह-लद्दाख में भारतीय सेना की बेरोकटोक आवाजाही हो सके, इसके लिए सुरंगों का निर्माण करना बहुत जरूरी है. अटल टनल बनने से भी लेह जाना आसान हुआ है. ऑल वैदर कनेक्टिविटी होने से सेना को बहुत लाभ है. रसद और कुमुक भेजने के लिए आसानी रहती है. सीमा से सटे ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी बड़ी दिक्कत का कारण बनती है. ऐसे में कनेक्टिविटी के लिए सुरंगों की जरूरत महसूस होती है.
सुरंग निर्माण से सेना के काफिले किसी भी मौसम में कहीं भी कूच कर सकते हैं. इन इलाकों में सुरंग बनाने का प्रस्ताव मंजूर करवाने के लिए काफी समय से प्रक्रिया चल रही थी. सुरंगों के निर्माण को रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है. चूंकि सामरिक निर्माण का सारा जिम्मा रक्षा मंत्रालय का होता है, लिहाजा इसके लिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी जरूरी है. एक कंपनी को सुरंगों के निर्माण से जुड़े कंसल्टेंसी वर्क का जिम्मा दिया गया है. इन सुरंगों का निर्माण बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन यानी बीआरओ करेगी.
यह सुरंगें बनाने के लिए जंस्कर और हिमालय के दर्रों को काटा जाएगा. एक दफा सुरंग का निर्माण होने से लाहौल घाटी के शिंकुला दर्रे से सीधे कश्मीर में जंस्कर की पहाडियों तक पहुंचा जा सकता है. अगम्य माने जाने वाले 16 हजार 703 फीट की ऊंचाई वाले शिंकुला दर्रे में हमेशा हिमस्खलन का खतरा रहता है. यह बात अलग है कि वहां कोई ग्लेशियर नहीं है लेकिन हिमस्खलन की आशंका लगातार रहती है. विशेष रूप से सर्दियों में बर्फबारी के दौरान हिमस्खलन बढ़ता है.