शिमला:तकनीक के इस युग में सबकुछ आपकी जेब में हैं. बैंक खाते से लेकर पहचान पत्र तक. बस मोबाइल पर अंगूठे से एक बटन दबाने भर की देर है और बस काम हो गया. राशन, जूत्ते, कपड़ा, लत्ता सब ई कॉमर्स कंपनियां आपके दरवाजे पर छोड़ती हैं. खरीददारी के लिए आपको बाजार जाने की जरूरत नहीं है. कोरोना महामारी के दौर में वैसे भी लोग बाजार जाने से बच रहे हैं. सरकार ने भी घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा रखी है. ऐसे में लोग इंटरनेट पर अपना ज्यादा समय निकाल रहे हैं, लेकिन आपके लिए ये घातक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि ठग आपको सोशल मीडिया और दूसरी वेबसाइट पर आपकों लालच देकर ठगी का शिकार बना सकती हैं. इसे लेकर पुलिस भी लोगों को बार बार सचेत कर रही है.
टेक्नोलॉजी के फायदे तो हैं ही, लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं. या यूं कह लीजिए कि ये दो धारी तलवार है. जब ये चलती है तो इंसान को कानों कान खबर भी नहीं होती. आप इस बात कुछ यूं समझिए कि शिमला मे एक व्यक्ति ने शराब की होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन वेबसाइट पर ऑर्डर किया और 15 हजार का भुगतान भी कर दिया, लेकिन ना पैसा मिला ना शराब.
कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के बाद लोग घरों में कैद हैं. लोग घर से ही ऑफिस और बिजनेस संबंधी कामकाज निपटाने या मनोरंजन के लिए अलग-अलग एप्प का इस्तेमाल कर रहे हैं. लॉकडाउन में जूम एप सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहा. सरकार ने भी माना की ये एप आपकी निजी जानकारियां चोरी कर सकता है. ऑनलाइन ठगी का शिकार होने और फोन हैकिंग से बचने के लिए कुछ सावधानी की जरूरत है.