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बर्थ-डे स्पेशल: सीएम ने दोस्तों से कहा था...मूंछ नहीं कटवाउंगा, इनसे समझौता नहीं हो सकता

हिमाचल के राजनीति तीन साल पहले एक नए युग की शुरुआत हुई थी. पुराने और दिग्गज राजनेता सत्ता के गलियारों से विदा हो गए. कांग्रेस और भाजपा के कई महारथी चुनाव हार गए. यहां तक कि भाजपा के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल को भी चुनाव में शिकस्त मिली. अलबत्ता वीरभद्र सिंह चुनाव जीत गए. भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में तो आई, लेकिन सीएम पद के लिए किसी का नाम तय नहीं हुआ था.

सीएम जयराम बर्थडे
सीएम जयराम बर्थडे

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Published : Jan 6, 2021, 12:15 AM IST

Updated : Jan 6, 2021, 10:48 AM IST

शिमला:सीएम जयराम आज 56 साल के हो गए हैं. मंडी जिला के तांदी में 1965 को किसान परिवार में उनका जन्म हुआ था. सीएम जयराम का बचपन गरीबी में बीता था. पिता जेठू राम खेतीबाड़ी और राजमिस्त्री का काम कर घर खर्च चलाते थे. घर पर संसाधनों का आभाव था, लेकिन कहते हैं जिनमे कुछ कर गुजरने की क्षमता होती है. सफलता एक दिन उनके कदम चूम ही लेती है.

हिमाचल के राजनीति तीन साल पहले एक नए युग की शुरुआत हुई थी. पुराने और दिग्गज राजनेता सत्ता के गलियारों से विदा हो गए. कांग्रेस और भाजपा के कई महारथी चुनाव हार गए. यहां तक कि भाजपा के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल को भी चुनाव में शिकस्त मिली. अलबत्ता वीरभद्र सिंह चुनाव जीत गए. भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में तो आई, लेकिन सीएम पद के लिए किसी का नाम तय नहीं हुआ था.

मूंछकटवाने की सलाह

मंथन में जयराम ठाकुर का नाम सबसे आगे चल रहा था. जयराम समर्थक उत्साहित तो थे, लेकिन इसी बीच एक समर्थक के मन में ये विचार आया कि अब तक जितने भी नेता सीएम बने हैं, वे मूंछ नहीं रखते थे. टोटकों में भरोसा रखने वाले कुछ समर्थकों ने जयराम ठाकुर को सलाह दी कि वे भी अपनी मूंछ सफाचट कर लें, क्योंकि शांता कुमार, रामलाल ठाकुर वीरभद्र सिंह और न ही प्रेम कुमार धूमल मूंछ रखते थे. इसी को ख्याल में रखते हुए जयराम के समर्थकों ने भी लगे हाथ उन्हें मूंछ कटवाने के लिए कह दिया. इस बात का खुलासा खुद जयराम ठाकुर ने किया था.

कमला नगर में सुनाया था किस्सा

सीएम जयराम ठाकुर ने 2018 में शिमला के कमला नगर में एक कार्यक्रम में ये किस्सा शेयर करते हुए बताया था कि उन्हें समर्थकों ने मूंछ कटवाने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. इस बात को लेकर उन्होंने अपने समर्थकों को कहा कि मूंछों से समझौता नहीं हो सकता. जनसभा में हल्के-फुल्के क्षणों में सीएम जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पद को लेकर व हिमाचल की राजनीति में अब तक चले आ रहे मिथकों पर बात की थी.

'खत्म कर दिया ऊपरी हिमाचल-निचले हिमाचल का झगड़ा'

मुख्यमंत्री ने कहा था कि हिमाचल में अब तक सीएम पद के लिए निचले हिमाचल और ऊपरी हिमाचल की ही बात चलती थी. कभी सीएम निचले क्षेत्र से बनता था तो कभी ऊपरी क्षेत्र से, लेकिन इस बार परंपरा बदली है और मिथक टूटा है. अबकी बार जनता ने मध्य क्षेत्र यानी मंडी को ये गौरव दिया है. मंडी बीचों-बीच पड़ता है और इस बात ने सारा झगड़ा खत्म कर दिया है. इससे पहले ये होता था कि ये निचले इलाके का सीएम है या ये ऊपरी हिमाचल का मुख्यमंत्री है

'ख्तम की टोपी की राजनीति'

तब उन्होंने कहा था कि हिमाचल में अब से पहले टोपियों की सियासत होती थी. सत्ता बदलते ही टोपियों का रंग भी बदलता आया है. कभी लाल रंग की टोपी तो कभी हरे रंग की टोपी. 2017 में ये परंपरा भी बदल गई. सत्ता में आने के बाद भाजपा ने टोपी की सियासत खत्म की. सीएम ने कहा था कि हमे टोपी से कोई परहेज नहीं है, कोई किसी भी रंग की टोपी भेंट करेगा, वो स्वीकार करेंगे. कोई टोपी नहीं पहनाएगा या भेंट नहीं करेगा तो बिना टोपी के ही रहेंगे. अब जयराम ठाकुर को सीएम बने तीन साल हो गए, लेकिन उन्होंने मूंछ बरकरार रखी है.

Last Updated : Jan 6, 2021, 10:48 AM IST

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