हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस: एक दशक से युवा पीढ़ी को निगल रहा नशे का 'दानव'

नशा एक ऐसी बुराई है जो हमारे जीवन को नष्ट कर देती है. नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है. युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है. एक दशक में हिमाचल तेजी से नशे की दलदल में फंसता जा रहा है. प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ पड़ोसी राज्यों को भी एकजुट किया है और लगातार इस ओर प्रयास जारी हैं.

By

Published : Jun 26, 2020, 4:18 PM IST

nternational Day Against Drug Abuse
nternational Day Against Drug Abuse

शिमला: एक दशक में हिमाचल तेजी से नशे की दलदल में फंसता जा रहा है. हालांकि प्रदेश सरकार और पुलिस नशे के खिलाफ लगातार कदम उठा रहे हैं, लेकिन देवभूमि नशा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ पड़ोसी राज्यों को भी एकजुट किया है और लगातार इस ओर प्रयास जारी हैं.

देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल को नशे के दलदल में धकेलने के पीछे विदेशी तस्करों का भी बड़ा हाथ है. दस साल के आंकड़े को देखें तो हिमाचल में सक्रिय विदेशी तस्कर बड़ी संख्या में धरे गए हैं. वर्ष 2007 से 2017 तक दस सालों में 122 विदेशी तस्करों को पकड़ा गया है.

कुल्लू जिला के कुछ इलाके तो विदेशी तस्करों की पसंदीदा है. मलाणा क्रीम नाम की चरस तो विदेशी ब्रांड बन चुकी है. अब चिट्टे ने सारे नशों को पछाड़ दिया है. पंजाब सरकार चिट्टे के आतंक से इतना डर गई है कि नशा तस्करों के लिए फांसी का कानून बनाने की मांग की जा रही है.

वहां के सीएम अमरेंद्र सिंह ने केंद्र ऐसा कानून बनाने की मांग की है, जिसमें तस्करों को फांसी की सजा देने का प्रावधान हो. खैर, हिमाचल प्रदेश में विदेश से कई लोग सैर करने के बहाने यहां नशा तस्करी करने के लिए आते हैं. कुल्लू में कसोल, मणिकर्ण, मलाणा आदि स्थान पर नशा खूब बिकता है.

एनडीपीएस एक्ट में कई विदेशी पकड़े गए हैं. यदि दस साल का आंकड़ा देखा जाए तो वर्ष 2007 में नशीले पदार्थों की तस्करी में दस विदेशी पकड़े गए थे. उस साल एनडीपीएस एक्ट में 285 भारतीय भी गिरफ्तार हुए.

इसी तरह वर्ष 2008 में 12, वर्ष 2009 में 17, वर्ष 2010 में भी 17, वर्ष 2011 में 3 विदेशी तस्कर दबोचे गए. पुलिस ने वर्ष 2012 में सबसे अधिक 21 विदेशी तस्करों को नशा बेचने के आरोप में पकड़ा. सबसे कम आंकड़ा वर्ष 2013 का रहा. उस साल केवल एक विदेशी नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया.

वर्ष 2014 में 15, वर्ष 2016 में 6 और वर्ष 2017 में 16 विदेशी लोग धरे गए. 2018 में 12, 2019 में 9 और इस साल अप्रैल महीने तक 4 विदेशी तस्करों को पकड़ा गया है. वहीं, इन दस सालों में पुलिस ने नशीले पदार्थ खरीदने-बेचने के आरोप में 6,741 भारतीय नागरिकों को पकड़ा है. सबसे अधिक तस्कर साल 2017 में पकड़े गए.

वर्ष 2017 में 1079 भारतीय नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया. इसी तरह 2018 में 1098, 2019 में 1123 भारतीय नशा तस्करों को पकड़ा गया. 2019 में एक संस्था के सर्वे के मुताबिक, अफीम व इससे बने नशों में स्मैक, हेरोइन व चिट्टा आता है. राष्ट्रीय स्तर पर इसका सेवन करने वालों का प्रतिशत 0.70 है, लेकिन देवभूमि हिमाचल में अफीम व इससे बने नशे का सेवन करने वालों की संख्या कुल जनसंख्या का 1.70 प्रतिशत है.

इसी तरह शराब की लत का शिकार लोगों का राष्ट्रीय औसत 14.7 प्रतिशत है और हिमाचल में पियक्कड़ों का औसत देश के मुकाबले 17.6 फीसदी है. भांग का नशा करने में भी हिमाचल देश में सबसे आगे है.

भारत में भांग पीने वालों की औसत 1.2 प्रतिशत है और हिमाचल में 3.2 फीसदी. ये बात अलग है कि उत्तर पूर्व के राज्यों में भी नशे का प्रचलन खतरनाक है, लेकिन राष्ट्रीय औसत के मुकाबले हिमाचल में नशे की चपेट में आने वालों का औसत अधिक है. नशे के बढ़ते मामलों को लेकर ये रिपोर्ट हिमाचल सरकार को दी गई थी, साथ ही इस रिपोर्ट के आंकड़े नशे से जुड़े एक मामले के दौरान हिमाचल हाईकोर्ट में भी दिए गए.

ये भी पढ़ेंःअंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस: पंजाब, हरियाणा से अधिक हिमाचल में नशेड़ियों की संख्या

ABOUT THE AUTHOR

...view details