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कोरोना ने तोड़ी शिमला नगर निगम की 'कमर', 1 करोड़ से ज्यादा का झेल रहे नुकसान - Ashish Kohli Municipal Corporation Deputy Commissioner Shimla

शिमला शहर में कोरोना के चलते इस बार नगर निगम संपत्ति कूड़ा कर समय पर नहीं वसूल पा रहा है. नगर निगम की ओर से लोगों को संपत्ति कर देने की अपील तो की जा रही है, लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी लोग कर जमा नहीं कर रहे हैं और नगर निगम भी कोई सख्ती नहीं बरत रहा है.

शिमला MC ऑफिस
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Published : Feb 13, 2021, 1:37 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 7:58 PM IST

शिमला: कोरोना काल मे जहां हर वर्ग प्रभावित हुआ वही, नगर निगम शिमला को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. लॉकडाउन के बाद नगर निगम संपत्ति कर, पार्किंग, कूड़ा शुल्क सहित अन्य शुल्क नहीं वसूल पाया.

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नगर निगम को हो रहा करोड़ों का नुक्सान

वहीं, बंद रहे होटलों को टैक्स में भी नगर निगम को छूट देनी पड़ी जिससे करीब नगर निगम को 1 करोड़ से अधिक का नुकसान झेलना पड़ रहा है. नगर निगम की आय का साधन ही संपत्ति कर है. 2019 -20 फरवरी तक निगम को 12 करोड़ संपत्ति कर से प्राप्त हुए थे और मार्च में 3 करोड़ की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण निगम को यह पैसा नहीं मिल पाया.

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21 करोड़ की आय का रखा था लक्ष्य

यही नहीं निगम 10 फीसदी हाउस टैक्स में बढ़ोतरी भी करने जा रहा था जिसे निगम की 21 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण नगर निगम ने फिलहाल स्थगित किया है. इसमें निगम की आय पर असर पड़ा है. इसके अलावा तीन महीने का निगम ने दुकानों का किराया भी माफ किया जिसे निगम को 6 करोड़ तक आए होनी थी, लेकिन इसकी भी अब कोई उम्मीद नहीं है. ऐसे में नगर निगम की आय पर असर पड़ रहा है.

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कोरोना काल में निगम ने लोगों पर नहीं बरती सख्ती

कोई करोना के चलते इस बार नगर निगम संपत्ति कूड़ा कर समय पर नहीं वसूल पा रहा है. नगर निगम की ओर से लोगों को संपत्ति कर देने की अपील तो की जा रही है, लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी लोग कर जमा नहीं कर रहे हैं और नगर निगम भी कोई सख्ती नहीं बरत रहा है. नगर निगम के उपायुक्त आशीष कोहली का कहना है कि करोना काल में नगर निगम की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ा है जहां प्रॉपर्टी टैक्स कूड़ा शुल्क एकत्रित नहीं हो पाया.

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कूड़े में छूट देने की मांग

होटल इंडस्ट्री को प्रोपर्टी टैक्स में छूट देने के चलते निगम को वित्तीय नुकसान हुआ है. कोरोना के चलते इस बार कूड़ा शुल्क ओर प्रोपर्टी टैक्स की कलेक्शन नही हो पाई है. इसके अलावा कोविड के दौरान बंद रहे होटलों को प्रोपर्टी टैक्स में छूट दी है और कूड़े में छूट देने की मांग की जा रही है. सरकार को समक्ष मामला उठाया है और सरकार से इसके बदले में निगम को आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया गया है लेकिन सरकार की तरफ से भी कोई जवाब नहीं आया है.

विकास कार्यों के लिए अनुदान पर निर्भरता

बता दें शिमला नगर निगम का बीते वर्ष कुल बजट 225 करोड़ पास किया गया था. हालांकि नगर निगम को टैक्स और अन्य करों से 30 से 35 करोड़ तक की आय होती है. जबकि 70 करोड़ से अधिक नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन, पेंशन से लेकर अन्य कार्यों पर खर्च होता है. इसके अलावा नगर निगम को अमृत मिशन और स्मार्ट सिटी के तहत विकास के कार्यों के लिए पैसा मिलता है. नगर निगम के के साधन काफी सीमित हैं. ऐसे में नगर निगम को शहर के विकास कार्यों के लिए अनुदान और केंद्र से आने वाले प्रोजेक्ट पर ही निर्भर रहना पड़ता है.

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टैक्स में राहत देने से नुकसान

सरकार से अतिरिक्त ग्रांट की उम्मीद नगर निगम की वित्तीय हालत को सुधारने के लिए अब सरकार से अतिरिक्त वितीय ग्रांट की गुहार लगाई गई है. निगम ने सरकार के समक्ष टैक्स में राहत देने के चलते आर्थिक नुकसान हुआ है. निगम की ओर से सरकार को लिखा गया है कि निगम में लॉकडाउन के चलते होटलों को प्रॉपर्टी टैक्स में विशेष छूट दी है. ऐसे में निगम को सरकार अतिरिक्त ग्रांड मुहैया करवाए ताकि नगर निगम की माली हालत सुधारी जा सके.

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Last Updated : Feb 13, 2021, 7:58 PM IST

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