चंबा: हिमाचल प्रदेश का चंबा जिला अपनी संस्कृति और कला के लिए प्रदेश में अलग पहचान रखता है. यहां पीतल की थाल पर होने वाला मेटल वर्क और मूर्तिकला में चंबा के कलाकारों का दूर-दूर तक कोई सानी नहीं है. चंबा में दशकों से पीतल की शीट पर बन रही चंबा थाल दशकों से देश विदेश में धमाल मचाती आ रही हैं. चंबा में शिल्पकार थालों पर पोट्रेट, भगवान की तस्वीरों से लेकर किसी भी आम और खास इंसान की हू-ब-हू तस्वीर उकेर देते हैं. इनके हाथ से बनाई गई थालियों की भारी डिमांड हैं.
रियासत काल के समय इन थालों पर राजाओं महाराजाओं, देवी-देवताओं सहित चंबा रुमाल से ली गई कलाकृतियां उकेरी जाती थी, लेकिन धीरे समय बदलने के साथ पीतल की थाल पर जानी मानी हस्तियों की तस्वीरें उकेरी जा रही हैं. चंबा जिला में कई मूर्तिकार और मेटल कारीगर (Metal work) मूर्तियां और चंबा थाल बनाने के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. मूर्तियां और चंबा थाल बनाने में काफी मेहनत और समय लगता है. कभी-कभी एक मूर्ति और थाल बनाने में चार दिन से लेकर छह महीने तक लग जाते हैं, क्योंकि ये सारा काम हाथों से किया जाता है.
हजारों में होती है एक थाल की कीमत
छोटा थाल 8 दिन में तैयार होता है और बड़ा थाल करीब 1 महीने में तैयार होता है. इनकी की कीमत 8 हजार से लेकर 20 हजार तक होती है. कई बार तो थाल की कीमत मुंह मांगी दी जाती है. इस थाल पर आम से खास, राजनेताओं, खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों की फोटो भी तैयार की जाती हैं.
सचिन तेंदुलकर को भेंट कर चुके हैं थाल
चंबा जिला के शिल्पकार प्रकाश चंद मास्टर ब्लास्टर और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री राकेश पठानिया सहित अन्य नेताओं के पोट्रेट थाल पर उकेर कर भेंट कर चुके हैं. हालांकि थालों पर पोट्रेट बनाने की परंपरा पिछले कुछ सालों में शुरू हुई है जो मूर्तिकारों के लिए भी नया अनुभव है. अब इनके पोते थाल पर पीएम मोदी का पोट्रेट बनाकर उन्हें भेंट करना चाहते हैं.
1974 में राष्ट्रपति से मिला सम्मान