शिमला: पौंग डैम में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. अब भोपाल की रिपोर्ट से पता चलेगा कि ये किस तरह का बर्ड फ्लू है. जिला प्रशासन ने पौंग डैम के साथ लगते 4 विधानसभा क्षेत्रों में अंडे,चिकन, मीट मछली की दुकानें बंद रहेंगी. पौंग डैम में पहले ही पर्यटन गतिविधियों, बोटिंग से लेकर फिशिंग तक पर बैन लगाया हुआ है. कोरोना वायरस के बीच बर्ड फ्लू की दस्तक प्रदेश के लिए चिंत की बात है.
क्या होता है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू के नाम से विख्यात ये बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है. यह वायरस ज्यादातर पक्षियों और इंसानों को अपना शिकार बनाता है. पशु भी इसका शिकार हो जाते हैं. बर्ड फ्लू मुर्गी, मोर बत्तख की प्रजातियों के साथ साथ टर्की, गीस और अन्य पक्षियों में तेजी से फैलता है. ये वायरस कोवों में भी फैलता है. यह वायरस बहुत खतरनाक होता है. समय पर इलाज ना मिलने के कारण पक्षियों और इंसानों की मौत हो जाती है. यह फ्लू पक्षियों से इंसानों और इंसान से इंसान में भी फैल सकता है.
बर्ड फ्लू इंसानों में संक्रमित पक्षियों और मुर्गियों के संपर्क में आने से होता है. मुर्गियों में फैलने पर ये खतरनाक रूप ले सकता है. इसके पीछे की बजह मुर्गी पालन है. ग्रामीण इलाकों में मुर्गी पालन ज्यादा होता है. इसके साथ पोल्टी फार्म में बर्ड फ्लू फैलने से बड़ा खतरा पैदा हो जाता है. अभी तक बर्ड फ्लू उन्हीं लोगों में देखा गया है जो पॉल्ट्री फॉर्म में बीमार पक्षियों के सीधे संपर्क में आते हैं.
बर्ड फ्लू के लक्षण