शिमला:कोरोना संकट के बाद अब प्रदेश में एक बार फिर स्कूल खुल चुके हैं. ऐसे में छात्रों के लिए एकाग्रता से स्कूल भेजना भी एक चुनौती है, क्योंकि करीब 10 महीने तक स्कूल और कॉलेज बंद रहे और बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करते रहे. ऐसे में उनकी दिनचर्या में भी काफी बदलाव आया है.
बता दें कि स्कूल जाने वाले बच्चों का शेड्यूल पूरी तरह से बिगड़ चुका है. बच्चे घर में अपनी मर्जी से उठते हैं और बेरोक टोक खाते हैं और बाहर से दिनचर्या से नाता टूट चुका है. कोरोना (Corona) के बीच में तो बच्चे अपने दोस्तों से भी नहीं मिल पाए बस उनका मोबाइल ही उनका दोस्त रह चुका था. वहीं, अब एक बार फिर से स्कूल खुलने चुके हैं. जिसके लिए विभाग की ओर से एसओपी भी तैयार की गई है. ऐसे में अब बच्चों के लिए स्कूल जाना चुनौती भरा होगा.
बच्चों को कैसे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करें?
आप अपने बच्चों को कैसे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करें इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए ईटीवी भारत ने आईजीएमसी (इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज) के मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर से बात की. प्रोफेसर डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि कोरोना संकट के बाद अब बच्चे एक बार स्कूल पढ़ने जाएंगे ऐसे में कोरोना से बचने के नियम जानने पड़ेंगे.
'बच्चों में धीरे-धीरे बदलाव लाना पड़ेगा'
डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज (Online classes) की आदत पड़ चुकी है. ऐसे में सिलेबस ज्यादा हो या फिर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो बच्चों के लिए सब नया रहने वाला है. डॉक्टर देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बच्चों में धीरे-धीरे बदलाव लाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों को सुबह जल्दी उठाना पड़ेगा और रात को जल्दी सुलाना पड़ेगा. मोबाइल और टीवी से उन्हें दूर रखना पड़ेगा. उनके खाने पीने का भी ध्यान रखना पड़ेगा.