शिमला/मंडी:देवभूमि हिमाचल जहां के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ शांत वातवरण जहां कभी अंग्रेज भी अपनी छुट्टियां मनाने आते थे और शिमला को अपनी राजधानी बनाया था, लेकिन अब वहीं, अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. खास कर महिलाओं के प्रति अपराध के मामले निरंतर बढ़ते जा रहे हैं.
महिलाओं के प्रति अपराध की बात करें तो लॉकडाउन के दौरान भी हिमाचल में अपराध कम नहीं हुए हैं बल्कि इस साल सबसे ज्यादा महिलाओं के प्रति अपराध हुआ है. ये पुलिस के आंकड़े ब्यान कर रहे हैं. 2020 में महिला के प्रति विभिन्न अपराध के तहत 15 43 मामले दर्ज हुए हैं. जिसमें रेप के 310, दहेज का 1, हर्ट के 624, महिला से छेड़खानी 242 मामले दर्ज हुए हैं.
महिलाएं सुरक्षित रहें यह पुलिस की प्राथमिकता
ऐसे में पुलिस महिला को सुरक्षा देने के लिए प्रयास कर रहा है और महिला को अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचाने में परेशानी ना हो. इसके लिए सरकार द्वारा बनाए गए कानून को महिलाओं तक पहुंचाने और उन्हें उनके अधिकार बताने के लिए भरसक प्रयास कर रही है. महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध के प्रति पुलिस का क्या रुख है यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने जब शिमला सिटी के एएसपी प्रवीर ठाकुर से बात की तो उन्होंने बताया कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित रहें यह नए डीजीपी संजय कुंडू की पहली प्राथमिकता है.
उनका कहना था कि जब भी महिला के साथ कोई भी अपराध होता है तो वह खुल कर अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचा सके इसके लिए शिमला में पहला महिला थाना खोला गया. महिला थाना में सभी महिला पुलिस है जहां कोई भी पीड़ित महिला अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है.
'गुड़िया के साथ दुष्कर्म हुआ और उसकी हत्या कर दी थी'
एएसपी ने बताया कि 3 साल पहले कोटखाई में एक स्कूल जा रही लड़की गुड़िया के साथ दुष्कर्म हुआ और उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद गुड़िया हेल्प लाइन शुरू की गई जिसमें 1515 पर कोई भी पीड़ित महिला अपनी शिकायत कर सकती है. इसके अलावा शक्ति बटन एप शुरू किया गया है.
यही नहीं व्हाट्सएप नंबर ई-मेल के जरिये महिला अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचा सकती है. एएसपी प्रवीर ठाकुर ने बताया कि इसके अलावा कुछ गांव में ऐसे भी महिला है जिनको उन्हें अपने अधिकार पता नहीं है. ऐसे में पुलिस ने ठियोग में जागृति अभियान शुरू किया था जिसमें पुलिस घर-घर जा कर महिलाओं को जागरूक करेगी और उन्हें उनके अधिकार बताएगी. इसके अलावा महिला को सक्षम बनाने के लिए पुलिस स्कूलो में जा कर छात्राओं को जूडो कराटे सिखाती हैं जिससे लड़कियां सक्षम बन सके और अपनी खुद रक्षा कर सके.