शिमला:देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में गंभीर मरीजों को अस्प्ताल में दाखिल करवाने की जरूरत पड़ती है. अस्पतालों में मरीजों की देखभाल के लिए नर्सिंग स्टाफ की आश्यकता पड़ती है. अस्पतालों में मरीजों की देखभाल, उनकी दवाई, निगरानी में नर्स का महत्वपूर्ण योगदान रहता है.
7-8 घंटे पीपीई किट पहनकर ड्यूटी
कोविड वार्ड में मरीजों के साथ उनके तीमारदार नहीं रहते हैं, ऐसे में नर्स ही मरीजों की देखभाल करती हैं. नर्स कोविड वार्ड में मरीजों के लिए प्रत्यक्ष देवी के सामान होती है. वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ मरीजों की देखभाल करती है. यही नर्स अपने परिवार से दूर रह कर मरीजों की सेवा में रहती हैं. नर्सों कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान पीपीई किट पहन कर काम करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें 7 से 8 घंटे तक बिना पानी पीए, बिना खाना खाए रहना पड़ता है. यही नहीं फोन भी बंद रखना होता है और पूरी तरह परिवार से कटकर रहना पड़ता है.
पीपीईकिट में गर्मी के मौसम में फूलती सांस
नर्स कविता का कहना था कि वह तीसरी बार कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे कर आई हैं. उनका कहना था कि पीपीई किट में गर्मी के मौसम में सांस भी फूलती है. नर्सिग एसोसिएशन की संयुक्त सचिव अनु सैनी ने बताया कि नर्स हर हाल में कोविड वार्ड में ड्यूटी देती हैं. उनका कहना था कि पीपीई किट में 7 से 8 घंटे काम करना पड़ता है जो आसान काम नहीं है.