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आखिर शिमला शहर को कब मिलेगी आवारा कुत्तों से मुक्ति, नगर निगम के सभी दावे फेल

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Published : Oct 8, 2020, 9:01 PM IST

शिमला में कुत्तों के आतंक से लोग और यहां घूमने आने वाले पर्यटक परेशान हैं. शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने में नगर निगम नाकाम साबित हो रहा है. शहर के उपनगरों सहित माल रोड रिज मैदान पर आवारा कुत्ते पूरा दिन झुंड में घूमते रहते हैं और लोगों पर झपट कर उन्हें लहूलुहान कर रहे हैं. हर साल दो से तीन हजार कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं.

special report of etv bharat on Stray dogs in shimla city
डिजाइन फोटो.

शिमला: पर्यटन नगरी शिमला में कुत्तों के आतंक से लोग और यहां घूमने आने वाले पर्यटक परेशान हैं. शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने में नगर निगम नाकाम साबित हो रहा है. शहर के उपनगरों सहित माल रोड रिज मैदान पर आवारा कुत्ते पूरा दिन झुंड में घूमते रहते हैं और लोगों पर झपट कर उन्हें लहूलुहान कर रहे हैं.

बता दें कि हर साल दो से तीन हजार कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं. नगर निगम नियम और कानूनों हवाला देते हुए अपनी बेबसी जाहिर कर रहा है. निगम केवल कुत्तों की नसबंदी कर उन्हें दोबारा से माल रोड और रिज मैदान के क्षेत्र में छोड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक राजधानी शिमला में दो हजार के करीब आवारा कुत्ते हैं. सबसे ज्यादा कुत्ते रिज माल रोड पर नजर आते हैं, जोकि लोगों पर झपट पड़ते हैं. यही हालत उपनगरों में भी है. हालांकि नगर निगम ने टूटीकंडी में आवारा कुत्तों के लिए डॉग हट्स बनाए थे, लेकिन कुत्तों को वहां शिफ्ट नहीं किया गया.

वहीं, नगर निगम ने आवारा कुत्तों से छुटकारा दिलाने के लिए कुत्तों के गोद लेने की योजना शुरू की है. जिसके तहत कुत्ता गोद लेने वाले को कूड़ा शुल्क में 50 फीसदी छूट देने के अलावा पार्किंग निःशुक्ल देने का ऐलान किया. नगर निगम की इस योजना में लोगों ने रुचि भी दिखाई और अब तक दो सौ कुत्तों को लोगों ने गोद भी लिया है.

कुत्ते लोगों पर हमला न करें इसके लिए निगम अब कुत्तों के लिए शहर में डॉग फीडिंग सेंटर भी बना रहा है. निगम व्यापरियों की मदद से कुत्तों को भोजन उपलब्ध करवाएगा. आवारा कुत्तों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए लोग लंबे समय से नगर निगम से गुहार लगा रहे हैं.

लोगों का कहना है कि शहर में कुत्ते झुंड बना कर घूमते रहते हैं और अचानक हमला भी कर देते हैं. जिससे शहर में चलना मुश्किल हो गया है. कुत्तों के डर से लोगों को उनके जाने का इतंजार करना पड़ता है. उन्होंने नगर निगम से कुत्तों को शहर से बाहर छोड़ने की मांग की.

नगर निगम के सह आयुक्त अजीत भारद्वाज ने कहा कि शहर में आवारा कुत्तों की समस्या है. नगर निगम कुत्तों की नसबंदी कर के आबादी को कम करने का काम कर रहा है, लेकिन नसबंदी के बाद कुत्तों को दोबारा से वहीं छोड़ना पड़ता है. कुत्तों को डॉग सेंटर में तीन दिन तक रखा जाता है जिसके बाद उसके कान पर निशान लगा कर छोड़ दिया जाता है.

कुत्तों को पकड़ने के लिए गाड़ी भी रखी गई है. इसके अलावा कुत्तों को गोद लेने की योजना भी शुरू की गई जिसमें लोग रुचि दिखा रहे हैं साथ ही डॉग हट्स भी बनाने की योजना है जहां कुत्तों को भोजन उपलब्ध करवाया जायेगा, ताकि लोगों पर कुत्ते हमला न करें.

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