शिमला: हिमाचल भाजपा को अपने मिशन रिपीट के सपने से पहले तीन उपचुनावों से गुजरना होगा. इन बाई इलेक्शन में सीएम जयराम ठाकुर के राजनीतिक कौशल की परीक्षा भी होगी. हिमाचल में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से भाजपा ने कोई उपचुनाव नहीं हारा है.
पच्छाद और धर्मशाला के उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली है. यही नहीं, लोकसभा चुनाव में तो चारों सीटों पर भारी मतों से विजयश्री हासिल हुई थी. उस जीत में खास बात ये थी कि भाजपा को सभी 68 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के मुकाबले बढ़त मिली थी. उस समय सरकार का फील गुड समय चला हुआ था, लेकिन इस साल नगर निकाय चुनाव में भाजपा के पैरों तले थोड़ी जमीन खिसकी है.
पालमपुर में लगा झटका
खासकर सोलन व पालमपुर नगर निगम में हार ने भाजपा को जोरदार धक्का दिया है. हिमाचल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले जयराम ठाकुर को उप चुनाव की कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ेगा. किसी भी सरकार का कार्यकाल जब अंतिम पड़ाव में होता है तो एंटी इन्कंबैंसी फैक्टर भी प्रभावी होने लगता है. ठीक ऐसे ही समय में हिमाचल में भाजपा को तीन उपचुनाव झेलने हैं.
मंडी के सांसद रहे रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद यहां उपचुनाव होना है. इसके अलावा कांगड़ा जिला की फतेहपुर सीट से कांग्रेस विधायक सुजान सिंह पठानिया के निधन से ये सीट खाली है. हाल ही में जुब्बल-कोटखाई से भाजपा विधायक नरेंद्र बरागटा का निधन हुआ है. इस तरह की दुखद परिस्थितियों के बीच हिमाचल में तीन उपचुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले ये तीन चुनाव जयराम ठाकुर का आगामी राजनीतिक भविष्य भी तय करेंगे.
भाजपा में बड़े बदलाव की अफवाहें
ये सही है कि इन दिनों राजनीतिक फिजाओं में हिमाचल भाजपा में बड़े बदलाव की अफवाहें तैर रही हैं, परंतु इन अफवाहों में खास दम नहीं लग रहा. कारण ये है कि दिल्ली दौरे पर गए सीएम जयराम ठाकुर की जिन भी नेताओं से मुलाकात हुई है, उनके चित्र बता रहे हैं कि सीएम की बॉडी लैंग्वेज कंफर्टेबल है. ये बात अलग है कि आरएसएस की रूटीन कवायद में सरकार के कामकाज की समीक्षा होती है और साथ ही मंत्रियों के काम को भी परखा जाता है.
अब सभी सरकारों में सब कुछ सही नहीं होता है. यही कारण है कि समय-समय पर नेतृत्व परिवर्तन की अफवाह उड़ती रहती है. इससे पहले भी हिमाचल में टॉप कुर्सी बदलने की बात चली थी, जो निराधार साबित हुई. याद रखने वाली बात है कि जब 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे तो अमित शाह ने कहा था कि हिमाचल में आने वाले समय में पंद्रह साल के लिए भाजपा की सरकार चाहिए. तभी विकास की रफ्तार बढ़ेगी. साथ ही जंजैहली में एक रैली में उन्होंने जयराम ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी देने का वादा किया था.